logo-image

1971 के युद्ध ने मानवता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दिखाई : राजनाथ

1971 के युद्ध ने मानवता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दिखाई : राजनाथ

Updated on: 14 Dec 2021, 11:35 PM

नई दिल्ली:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 1971 के युद्ध में भारत की जीत को विश्व इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक और अन्याय पर न्याय की जीत करार देते हुए कहा कि आम लोगों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ लड़ी गई यह लड़ाई मानवता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दर्शाती है।

सिंह ने भारतीय सेना के उन नायकों को याद किया, जिन्होंने ऐतिहासिक जीत सुनिश्चित की - जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) सैम मानेकशॉ, लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा, तत्कालीन जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पूर्वी कमान, लेफ्टिनेंट जनरल जेएफआर जैकब और एयर मार्शल इदरीस हसन लतीफ व अन्य।

उन्होंने कहा, इन नायकों में हिंदू, मुस्लिम, पारसी, सिख और यहूदी शामिल थे। ये सभी धर्मो को समान सम्मान देने के प्रति भारत के दृढ़ विश्वास का प्रमाण है। भारतीयता की भावना ने उन्हें एक बना दिया।

सिंह ने बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति, बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्हें अपने देश के लोगों के लिए मार्गदर्शक प्रकाश बताया। उन्होंने इस तथ्य की सराहना की कि बांग्लादेश अपनी मुक्ति के बाद से विकास के पथ पर बड़ी प्रगति कर रहा है।

पूर्व सैनिकों सहित सशस्त्र बलों के जवानों की उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए सराहना करते हुए सिंह ने उन्हें भारत की एकता और अखंडता के रक्षक के रूप में वर्णित किया।

उन्होंने कहा, आज हमारा देश निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। यह हमारे बहादुर सैनिकों की वजह से है जो सीमाओं पर मजबूती से खड़े हैं। यह देश चैन की नींद सोता है, क्योंकि हमारे जवान जाग रहे हैं।

यह कहते हुए कि दिग्गजों द्वारा किए गए बलिदान के लिए कोई कीमत नहीं चुकाई जा सकती, रक्षा मंत्री ने अपना आभार व्यक्त किया और उनके कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए सरकार के हर संभव समर्थन का आश्वासन दिया।

उन्होंने कहा, आज का हमारा हर योद्धा कल का एक सम्मानित वयोवृद्ध है। उनकी भलाई सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है। यह सरकार इसे अच्छी तरह से समझती है, इसलिए 2014 में सत्ता में आते ही हमने एक रैंक एक पेंशन की लंबे समय से लंबित मांग पूरी की।

पूर्व सैनिकों के कल्याण और जीवन को आसान बनाने के लिए सरकार के संकल्प को दोहराते हुए सिंह ने कहा, डिजिटल इंडिया के तहत कई ऑनलाइन सेवाएं शुरू की गई हैं, जिसमें खरीदारी के लिए स्मार्ट कैंटीन कार्ड, पेंशन प्रशासन प्रणाली (रक्षा) - स्पर्श- के कार्यान्वयन शामिल हैं। केंद्रीय सैनिक बोर्ड और पुनर्वास महानिदेशालय की सेवाओं का लाभ उठाने के लिए रक्षा पेंशन की मंजूरी और वितरण के स्वचालन और ऑनलाइन पहुंच सराहनीय है।

उन्होंने कहा, हमारा उद्देश्य न केवल सेवा के दौरान, बल्कि उनकी सेवानिवृत्ति के बाद भी हमारे सशस्त्र बलों के कर्मियों की भलाई सुनिश्चित करना है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.