विश्वविद्यालयों में अंडर ग्रेजुएट स्तर पर भी होगी इंटर्नशिप
विश्वविद्यालयों में अंडर ग्रेजुएट स्तर पर भी होगी इंटर्नशिप
नई दिल्ली:
अंडरग्रेजुएट स्तर पर छात्र इंटर्नशिप कर सकते हैं। रिसर्च इंटर्नशिप को यूजीसी ने अपनी मंजूरी प्रदान की है। अंडर ग्रेजुएट स्तर पर इंटर्नशिप के लिए यूजीसी ने बकायदा एक गाइडलाइंस भी जारी की है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में इस प्रकार की इंटर्नशिप का प्रावधान है। नई शिक्षा नीति में चार-वर्षीय अंडरग्रेजुएशन में रिसर्च शामिल करने का प्रावधान है। शिक्षा नीति के इन्हीं प्रावधानों का पालन करते हुए अब यूजीसी ने यह गाइडलाइंस तैयार की है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मल्टीपल एंट्री एग्जिट की सुविधा भी प्रदान करती है। इसके अंतर्गत छात्र 1 वर्ष पूरा होने पर 2 वर्ष बाद अभी 4 वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्स को बीच में ही छोड़ सकते हैं। 1 वर्ष बाद यह कोर्स होने पर छात्रों को सर्टिफिकेट दिया जाएगा, इसी प्रकार दूसरे वर्ष की पढ़ाई पूरी कर लेने वाले छात्रों को डिप्लोमा मिलेगा। छात्र चाहे तो वह अपने पाठ्यक्रम में दोबारा एंट्री लेकर अपना कोर्स पूरा कर सकते हैं।
सभी छात्रों के लिए इंटर्नशिप करना अनिवार्य है लेकिन इनकी समय सीमा उस कोर्स की अवधि पर निर्भर करती है जो छात्र पढ़ना चाहता है। गाइडलाइंस में कहा गया है जो छात्र सर्टिफिकेट या डिप्लोमा के साथ कोर्स छोड़ना चाहते हैं उनके लिए भी इंटर्नशिप अनिवार्य होगी। इंटर्नशिप के 10 क्रेडिट्स होंगे। इंटर्न्स का चयन संबंधित संस्थान अपने नियम कायदों का पालन करते हुए करेंगे।
यूजीसी की गाइडलाइंस के मुताबिक जो छात्र रिसर्च के साथ चार वर्ष का प्रोग्राम करना चाहते हैं, उन्हें एक वर्ष के वास्तविक शोध कार्य व 10 सप्ताह की इंटर्नशिप करनी होगी। जो छात्र चार वर्ष का अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम (शोध के बिना) करना चाहते हैं, उन्हें भी कम से कम 8-10 सप्ताह की इंटर्नशिप करनी होगी।
यूजीसी ने अपने दिशानिर्देश तय करते हुए कहा है कि विभिन्न शैक्षणिक संस्थान एवं विश्वविद्यालय इंटर्नशिप के लिए दूसरे रिसर्च व शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी करके दूसरे शैक्षणिक संस्थानों की सहायता कर सकते हैं अथवा इस क्षेत्र में उनसे सहायता प्राप्त ले सकते हैं। रिसर्च इंटर्नशिप का अनुभव शैक्षणिक संस्थानों, शोध संस्थाओं, औद्योगिक अनुसंधान लैब्स, राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के संगठनों की फैकल्टी वैज्ञानिकों और विशेष क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त व्यक्तियों के साथ काम करके हासिल किया जा सकता है।
अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में इंटर्नशिप के साथ ही नई शिक्षा नीति के एक और महत्वपूर्ण प्रावधान को उच्च शिक्षा में लागू किया जा रहा है। गौरतलब है कि इससे पहले विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने 4 वर्षीय अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम को भी मंजूरी प्रदान की है। विश्वविद्यालयों की एकेडमिक काउंसिल और एग्जीक्यूटिव काउंसिल में 4 वर्षीय अंडरग्रैजुएट पाठ्यक्रम के प्रस्ताव को पास किया जा चुका है।
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