दुनियाभर के करीब 28 देशों में सीबीएसई के छात्र और सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूल हैं। सामान्यत इन स्कूलों का रिजल्ट बेहतरीन रहता है। हालांकि इस वर्ष 10वीं और 12वीं दोनों ही कक्षाओं में विदेशों में मौजूद सीबीएसई के ये स्कूल अपना पुराना प्रदर्शन नहीं दोहरा सके। इतना ही नहीं, सीबीएसई के इन स्कूलों का प्रदर्शन 2019 से अब तक अपने न्यूनतम स्तर पर है।
विदेशों में सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा के लिए करीब 46,000 छात्रों ने अपना अपना पंजीकरण कराया था। सीबीआई के मुताबिक, इन छात्रों में से 12वीं कक्षा के 93.98 प्रतिशत छात्रों ने परीक्षा पास की है। बीते 4 वर्षो में यह विदेश में रह रहे छात्रों का सबसे कम पास परसेंटेज है। वहीं विदेशों में दसवीं कक्षा के लिए कुल 25 हजार 95 छात्रों ने अपना पंजीकरण कराया था। इनमें से 24,843 छात्र परीक्षा में शामिल हुए और 24,169 छात्रों ने यह परीक्षा पास की है। हालांकि विदेशों में दसवीं कक्षा का रिजल्ट 12वीं के मुकाबले कहीं अधिक बेहतर है। विदेशी स्कूलों में कुल 97.29 प्रतिशत छात्रों ने दसवीं सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा पास की है। बावजूद इसके दसवीं कक्षा में भी विदेशों में मौजूद सीबीएसई के यह स्कूल अपना पुराना प्रदर्शन नहीं दोहरा सके हैं।
सीबीएसई ने भारत और 26 देशों में परीक्षाओं के संचालन के लिए विस्तृत व्यवस्था की थी। सीबीएसई के मुताबिक, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, इथोपिया, घाना, बहरीन, इंडोनेशिया, इराक, ईरान, जापान, कीनिया, कुवैत, मलेशिया,नाइजीरिया, कतर ओमान, रूस, सऊदी अरब, सिंगापुर, तंजानिया, थाईलैंड जैसे देशों में सीबीएसई आधारित स्कूल है।
सीबीएसई ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष विदेशों में 12वीं कक्षा के लिए 18,834 छात्रों ने अपना पंजीकरण करवाया था। इनमें से 18,774 छात्रों ने परीक्षा दी और 17,644 छात्र परीक्षा पास कर सके। यानी विदेश में 93.98 प्रतिशत छात्रों ने सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा की है। बीते वर्ष विदेशों में 99.92 प्रतिशत छात्रों ने सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा पास की थी। वहीं 2020 में 94.26 प्रतिशत छात्र विदेशी धरती पर सीबीएसई की 12वीं बोर्ड की परीक्षा पास करने में सफल हुए थे। 2019 में 95.43 प्रतिशत छात्रों ने विदेशों में यह परीक्षा उत्तीर्ण की थी।
दसवीं कक्षा की बात की जाए तो इस वर्ष विदेशों में 97.29 प्रतिशत छात्र 10वीं में पास हुए हैं। बीते वर्ष सीबीएसई के विदेशी स्कूलों का पास प्रतिशत 99.92 प्रतिशत था। वहीं 98.67 प्रतिशत छात्रों ने 2020 में विदेशों में सीबीएसई दसवीं बोर्ड की परीक्षा पास की थी। 2019 में विदेशों में 98.75 प्रतिशत छात्रों ने दसवीं कक्षा उत्तीर्ण की थी।
सीबीएसई से मान्यता प्राप्त यह स्कूल विदेशों में उन स्थानों या देशों के लिए हैं, जहां भारतीय नागरिकों की आबादी अधिक है। साथ ही यह सीबीएसई के यह स्कूल उन देशों में भी हैं, जहां भारतीय उस देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा हैं। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, कतर, बहरीन, आदि भारतीय दूतावासों ने सीबीएसई स्कूलों स्थापित किया है। यहां भारतीयों या स्थानीय लोगों को उस विशेष देश में भारतीयों की जरूरतों को पूरा करने वाले निजी सीबीएसई स्कूल स्थापित करने की अनुमति दी है। जिन देशों में ज्यादा भारतीय नहीं रहते हैं वहां भारतीय राजनयिक मिशनों ने रूस और ईरान जैसे देशों में स्कूल स्थापित किए हैं जो मुख्य रूप से राजनयिकों के बच्चों की पढ़ाई के लिए हैं।
सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा के लिए कुल 14,44,341 छात्रों ने अपना पंजीकरण कराया था। इनमें से 14,35,366 छात्रों ने परीक्षा दी और 13 लाख से अधिक छात्र इन परीक्षाओं में पास हुए हैं। विदेशों में पढ़ने वाले 93.98 प्रतिशत छात्रों ने सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं पास की हैं।
सीबीएसई 10वीं बोर्ड की परीक्षाओं के लिए 21,09, 208 छात्रों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया था, इनमें से 20,93, 978 छात्र परीक्षाओं में शामिल हुए और कुल 19 लाख से अधिक छात्रों ने यह परीक्षा पास की है।
सीबीएसई के अनुसार, भारत के बाहर विभिन्न देशों में 28 सरकारी और निजी संबद्ध स्कूल हैं। उनकी स्थापना का कारण बड़े पैमाने पर विदेशों में भारतीय समुदाय या भारतीय राजनयिकों के बच्चों एवं आश्रितों को शिक्षा प्रदान करना है।
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Source : IANS