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एयरपोर्ट से भी सुंदर बनाया जाएगा नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, ये है योजना

देश की राजधानी के सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशन नई दिल्ली (New Delhi Railway Station) को विकसित करने की तैयारियां शुरू हो गई हैं. इसके लिए हांगकांग की फर्म के साथ परामर्श कर 6500 करोड़ रुपये की योजना का प्रारूप तैयार किया गया है.

Updated on: 17 Feb 2020, 10:56 AM

नई दिल्ली:

देश की राजधानी के सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशन नई दिल्ली (New Delhi Railway Station) को विकसित करने की तैयारियां शुरू हो गई हैं. इसके लिए हांगकांग की फर्म के साथ परामर्श कर 6500 करोड़ रुपये की योजना का प्रारूप तैयार किया गया है. रेलवे लैंड डेवलपमेंट अथारिटी के जरिए इसे कार्यान्वित किया जाएगा. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद यादव ने बताया कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के साथ मुंबई सीएसटी स्टेशन को भी वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाया जाएगा. इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गई है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का विकास कुछ इस तरह किया जाएगा जिससे ट्रेन पकड़ने और ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों का आपस में आमना सामना न हो. इसके लिए आने और जाने वाली ट्रेनों को अलग-अलग फ्लोर लाने की व्यवस्था होगी. इसके कारण प्लेटफॉर्म पर अनावश्यक भीड़ और भगदड़ जैसे हालात होने का भी खतरा कम होगा. स्टेशन के फर्स्ट फ्लोर का उपयोग रेलवे ट्रेन संचालन के लिए करेगी.

जबकि ऊपर के मंजिल का इस्तेमाल प्राइवेट डेवलपर द्वारा मॉल, मल्टीप्लेक्स, होटल तथा आवासीय फ्लैट बनाने और उन्हें लीज पर उठाकर अपना खर्च निकालने तथा मुनाफा कमाने में किया जा सकेगा. इस मुनाफे में कुछ हिस्सा रेलवे को भी मिलेगा. रेलवे इसके लिए 99 वर्ष की लीज पर जमीन उपलब्ध कराएगा. स्टेशन के आसपास अतिक्रमण तथा अवैध कब्जों को हटाने तथा आवासीय फ्लैट निर्माण को आसान बनाने के लिए रेलवे ने दिल्ली विकास प्राधिकरण के साथ समझौता किया है.

निर्माण के दौरान नहीं रुकेगा यातायात

नई दिल्ली स्टेशन पर हर रोज साढ़े चार सौ ट्रेनों के अलावा चार लाख से ज्यादा यात्री आते-जाते हैं. इसलिए यहां यातायात को रोके या डिस्टर्ब किए बिना निर्माण कार्य करना एक बड़ी चुनौती होगी. इसलिए दो-दो यार्ड व प्लेटफॉर्मों को बंद कर यह निर्माण होगा. पहले चरण में 110 एकड़ जमीन पर कार्य शुरू किया जाएगा. जिसमें सभी प्लेटफॉर्म पर फुट ओवर ब्रिज, एक विशेष मैजनीन तल बनाया जाएगा.

ट्रेन पकड़ने के लिए आने वाले यात्री बाहर से सीधे इसी तल पर पहुंचेंगे और ट्रेन आने पर भूतल स्थित प्लेटफॉर्म पर पहुंच जाएंगे. जबकि ट्रेनों से उतरने वाले यात्री भूतल से पहले इस तल पर आएंगे और फिर अलग-अलग निकास द्वारों के जरिए स्टेशन से बाहर निकलेंगे.

पहले नहीं हो पाया स्टेशन का विकास

आपको बता दें कि 2008-09 में जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे उस समय भी नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन के विकास का मसौदा बना था. लेकिन स्टेशन के आस-पास धार्मिक स्थल, झुग्गी बस्ती आदि हटाने की अड़चनों के कारण यूपीए के कार्यकाल में यह परियोजना नहीं बढ़ सकी.

इन्हीं अड़चनों के कारण मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी इस प्रोजेक्ट को हाथ लगाना मुनासिब नहीं समझा. बल्कि इसके बजाय मध्य प्रदेश के हबीबगंज और गुजरात के गांधीनगर को वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाने की तरजीह दी गई. एक दो साल में दोनों तैयार हो जाएंगे.