पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
शाम पांच बजे दोनों नेताओं के बीच ये मुलाकात हुई। इस मुलाकात के दौरान पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने पीएम के समक्ष सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाये जाने और त्रिपुरा में हुई हिंसा के मुद्दे को उठाया।
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने प्रधानमंत्री को अगले साल अप्रैल में होने वाले बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट के उद्घाटन के लिए भी आमंत्रित किया।
गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र सीमा से 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया था, जिसका राज्य सरकारों की ओर से इसका लगातार विरोध किया जा रहा है। पंजाब के बाद पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने भी इसका विरोध किया था, जिसका जिक्र ममता बनर्जी ने बुधवार को प्रधानमंत्री के साथ बैठक में भी किया।
पीएम के साथ बैठक के बाद ममता बनर्जी ने कहा, मैंने बीएसएफ के बारे में चर्चा की, बीएसएफ हमारे राज्य का दुश्मन नहीं है। मैं सभी एजेंसियों का सम्मान करती हूं लेकिन कानून-व्यवस्था जो राज्य का विषय है, उसमें टकराव होता है। इलाकों पर जबरन किसी को नियंत्रण नहीं करने दूंगी।
उन्होंने कहा, मैंने पीएम मोदी से कहा कि संघीय ढांचे को बेवजह छेड़ना ठीक नहीं है, इसके बारे में आप चर्चा कीजिए और बीएसएफ के कानून को वापस लीजिए। बीएसएफ और कानून-व्यवस्था के बीच संघर्ष होता है।
तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, हाल ही में बीएसएफ ने तीन लोगों को मार गिराया और ऐसे कई मामले हैं जब बीएसएफ के जवानों ने ग्रामीणों पर गोलियां चलाईं। मैंने प्रधानमंत्री से कहा है कि अगर उन्हें (बीएसएफ) किसी मदद की जरूरत है तो हम मुहैया कराने को तैयार हैं, लेकिन केंद्र को बीएसएफ के क्षेत्रीय क्षेत्र का विस्तार वापस लेना चाहिए।
ममता बनर्जी ने कहा, मेरे राज्य का कुछ मुद्दा है। प्राकृतिक आपदा हुई है। आम्फान, यास जैसे चक्रवात हुए हैं। केंद्र से सहायता मिलनी है। बहुत सारी योजनाएं हैं। 96 हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार से मिलने की उम्मीद है। फिलहाल केंद्र की ओर से इसे रोक दिया गया है।
हालांकि, कई मुद्दों पर केंद्र-राज्य संघर्ष के बावजूद, बनर्जी ने प्रधानमंत्री को अगले साल होने वाले बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट (बीजीबीएस) का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया।
उन्होंने कहा, हमारे बीच बेशक राजनीतिक अंतर हो, मगर इसका हमारे द्वारा साझा किए जाने वाले सामाजिक, व्यक्तिगत, प्रशासनिक और राजनयिक संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं होना चाहिए। इसलिए मैंने उन्हें (प्रधानमंत्री) बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया है। उनकी उपस्थिति से राज्य के विकास में मदद मिलेगी। हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन केंद्र को हमेशा राज्यों के साथ खड़ा होना चाहिए और यही सहकारी संघवाद का आधार है।
यह पूछे जाने पर कि निमंत्रण के बारे में प्रधानमंत्री ने क्या कहा, मुख्यमंत्री ने कहा, उन्होंने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है।
पीएम मोदी से मिलने से पहले बुधवार को ममता ने बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी से मुलाकात की थी।
गौरतलब है कि ममता बनर्जी 4 दिवसीय दिल्ली दौरे पर हैं। इससे पहले टीएमसी सांसदों ने गृहमंत्री से मुलाकात करने के लिए सोमवार को गृह मंत्रालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। टीएमसी और बीजेपी के बीच अगरतला नगर निगम और 12 अन्य नगर निकायों में आगामी चुनाव को लेकर तनाव बढ़ रहा है। यह चुनाव 25 नवंबर को होगा।
टीएमसी ने पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के बाद त्रिपुरा और गोवा में भी विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। फिलहाल इन दोनों ही राज्यों में बीजेपी की सरकार है। टीएमसी के कई बड़े नेता और सांसद त्रिपुरा और गोवा में पिछले कई महीनों से पार्टी के प्रचार में जुटे हुए हैं।
बनर्जी गुरुवार सुबह कोलकाता लौट जाएंगी।
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Source : IANS