एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने गुरुवार को सरकार से जानना चाहा कि रूस से तेल और गैस पर रियायती खरीद का लाभ उपभोक्ताओं को क्यों नहीं दिया जा रहा है।
सुले ने यह मामला लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान उठाया, जब पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी रसोई गैस सब्सिडी पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका सहित वैश्विक स्तर पर अन्य देशों के साथ अपने संबंधों के टकराव की कीमत पर रूस से तेल और गैस खरीदता रहा है। फिर राकांपा नेता ने हैरानी जताते हुए कहा कि सस्ते तेल की कीमत का लाभ उपभोक्ताओं को सस्ते एलपीजी सिलेंडर के रूप में नहीं दिया जा रहा है।
पुरी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि पिछले वित्त वर्ष और इस वित्त वर्ष में भारत के तेल और गैस के घरेलू उत्पादन में वृद्धि के बावजूद, भारत अपनी आवश्यकताओं का लगभग 60 प्रतिशत आयात करता है। तेल और गैस की अंतर्राष्ट्रीय कीमतें काफी अधिक हैं, उन्होंने कहा, अब यहां मुद्दा यह है कि तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने कीमतों में वृद्धि नहीं की है। उन्होंने इस तथ्य के कारण भारी नुकसान उठाया कि वे उपभोक्ताओं को उस अंतरराष्ट्रीय कीमत से गुजरने में सक्षम नहीं थे जिस पर उनका आयात किया गया था।
मंत्री ने कहा कि ओएमसी को 28,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिसके लिए सरकार ने उन्हें 22,000 करोड़ रुपये का एकमुश्त भुगतान करके मुआवजा दिया। एक अन्य सदस्य के संबंधित प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि तेल और गैस की बढ़ती वैश्विक कीमतों के बावजूद, सरकार ने अपने उपभोक्ताओं को उच्च अंतर्राष्ट्रीय कीमतों से अछूता रखा है।
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Source : IANS