महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार को गिराने वाली शिवसेना में बड़े विभाजन ने पार्टी के नेतृत्व के बारे में जनता की धारणा को बदल दिया है।
शिवसेना को पिछले महीने एकनाथ शिंदे ने अपने सहयोगी विधायकों के साथ मिलकर एक बड़ा झटका दिया था। पार्टी के 55 में से लगभग 40 विधायक शिंदे के पाले में चले गए थे। इसके बाद शिंदे ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में ठाकरे की जगह ली।
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नवरेकर ने शिंदे गुट को विधायक दल के रूप में मान्यता दी।
शिवसेना की मुश्किलें यहां खत्म नहीं होती। वह संसदीय पार्टी को लेकर भी चिंता में है, क्योंकि पार्टी के 19 में से 12 लोकसभा सांसद कथित तौर पर शिंदे का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने शिंदे की अध्यक्षता में एक बैठक में हिस्सा लिया। ऐसे में सवाल उठने लगे कि अब असली शिवसेना का मुखिया कौन है?
सीवोटर-इंडियाट्रैकर ने इस मुद्दे पर लोगों की राय जानने के लिए आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वे किया।
सर्वे के दौरान, भारतीयों को उनकी राय में विभाजित किया गया। लोगों की एक बड़ी आबादी ने जोर देकर कहा कि शिंदे अब असली शिवसेना के नए प्रमुख के रूप में उभरे हैं।
सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, जहां 54 प्रतिशत लोगों का मानना है कि शिंदे ने वास्तविक शिवसेना पर सफलतापूर्वक अपना नेतृत्व स्थापित कर लिया है, वहीं 46 प्रतिशत ने ठाकरे के पक्ष में असहमति और राय व्यक्त की।
सर्वे के दौरान, शिवसेना के नेतृत्व के बारे में विपक्ष और एनडीए दोनों मतदाताओं के विचार अलग-अलग देखने को मिले। दोनों खेमों के एक बड़े पक्ष ने शिंदे के समर्थन में जवाब दिया।
सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, 59 फीसदी विपक्षी वोटर्स और 51 फीसदी एनडीए समर्थकों का मानना है कि शिंदे ने शिवसेना में ठाकरे के नेतृत्व की जगह ले ली है।
सर्वे के आंकड़ों में आगे खुलासा किया कि 61 प्रतिशत ग्रामीण मतदाताओं का मानना है कि शिंदे ने शिवसेना पर अपनी पकड़ बना ली है, इस मुद्दे पर शहरी मतदाताओं के विचार अलग नजर आए।
सर्वे के दौरान, जहां 52 प्रतिशत शहरी मतदाताओं ने कहा कि शिवसेना पर ठाकरे का दबदबा बरकरार है, वहीं 48 प्रतिशत शहरी लोगों ने कहा कि शिंदे पार्टी के नए नेता बन गए हैं।
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Source : IANS