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शिवराज सरकार की चिंतन बैठक बनाम विधानसभा चुनाव की तैयारी को कांग्रेस ने इवेंट बताया

शिवराज सरकार की चिंतन बैठक बनाम विधानसभा चुनाव की तैयारी को कांग्रेस ने इवेंट बताया

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IANS
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New Delhi

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में अभी एक साल से ज्यादा का वक्त है, मगर शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अभी से चुनाव के मुताबिक माहौल बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। पचमढ़ी में दो दिन तक चली चिंतन बैठक में जनता के करीब पहुंचने और उसका दिल जीतने की रणनीति को अंतिम रूप देने में कोई कसर नहीं छोड़ी, तो वहीं कांग्रेस ने इसे इवेंट करार दिया है।

मुख्यमंत्री के तौर पर शिवराज सिंह चौहान की चौथी पारी हैं। पहले दो कार्यकाल में बालिका और महिला कल्याण के लिए शुरू की गई योजनाओं ने उन्हें महिलाओं के भाई और बेटियों के मामा की पहचान दिलाई थी। उसके बाद उनकी किसान और बुजुर्ग हितैशी योजनाएं चर्चाओं में रही। अब उन्होंने एक बार फिर मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना को नए स्वरूप में शुरू करने का फैसला लिया है तो वहीं लाडली लक्ष्मी योजना भी नए स्वरूप में सामने होगी। राज्य में लाडली लक्ष्मी योजना से अब तक 43 लाख बेटियां लाभान्वित हो चुकी हैं, वहीं अब लाडली लक्ष्मी क्लब भी बनाए जाएंगे।

चौहान की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना भी रही है, जिसने हर वर्ग के बुजुर्गो को धार्मिक स्थलों की यात्रा कराई। अब एक बार फिर मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना शुरू होने वाली है। यह ऐसी योजना है, जिससे देश की अन्य राज्यों ने अपनाया है।

किसान और पशुपालकों को राहत देने के लिए सरकार ने विभिन्न शहरों में गोवर्धन प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत गाय का गोबर और मूत्र खरीदा जाएगा। यह किसानों के लिए राहत भरा है, क्योंकि आवारा मवेशी फसलों को चट कर जाते हैं तो वहीं दूसरी ओर पशुपालकों को अपने मवेशियों को आवारा नहीं छोड़ना होगा क्योंकि वह घर पर रखेंगे तो उनके गोबर से आमदनी हासिल कर सकेंगे।

इसी तरह स्कूल शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए सीएम राइज स्कूल खेाले जाने की बात कहीं। चिकित्सा महाविद्यालयों में हिंदी में पढ़ाई की जाएगी, इस मामले में मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य हेागा।

राज्य में किसानों की आय को दोगुना करने के लिए संभागीय मुख्यालयों पर प्रशिक्षण केंद्र संचालित किया जाएगा। किसान क्रेडिट कार्ड में ही अब तक बीमा होता था, अब वन ग्रामों के लिए भी इसकी शुरुआत की गई है। हरदा और सीहोर को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिया गया है।

सरकार ने तय किया है कि पहली बार प्रदेश में अस्पतालों की तरह कृषि ओपीडी की शुरुआत कर किसानों को फोन पर कृषि वैज्ञानिकों से मार्गदर्शन दिलाया जाएगा। टेलीमेडिसिन और पशुओं के उपचार की बेहतर व्यवस्था के साथ कृषक वर्ग के लिए कृषि ओपीडी का प्रयोग करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य होगा।

प्रदेश के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए कई नई शुरुआत करने का फैसला लिया गया है। इसके तहत प्रसूति सहायता योजना में प्रारंभ में चार हजार के स्थान पर आठ हजार रुपये की राशि प्रथम किस्त के रूप में प्रदान की जाएगी।

इसी तरह राज्य में सीएम संजीवनी क्लीनिक सक्रिय होंगे और 257 क्लीनिक शुरू किए जाएंगे। इसके अलावा दीनदयाल रसोई योजना का विस्तार किया जाएगा। राज्य में इस समय करीब 100 रसोई केंद्र चल रहे हैं। इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। जलाशयों को पर्यटन विकास से जोड़ने की पहल होगी।

चिंतन बैठक पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, जिस तरह से सभी को उम्मीद थी कि पचमढ़ी की यह चिंतन बैठक सिर्फ एक इवेंट है, सिर्फ पर्यटन है, वैसा ही हुआ। प्रदेश की भलाई के लिए कोई ठोस निर्णय, कोई ठोस कार्ययोजना, जनहितैषी निर्णय, ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा, कुछ सामने नहीं आया।

कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार अपनी कैबिनेट बैठक पचमढ़ी में करें या किसी भी पर्यटन स्थल पर करें, प्रदेश में करें, प्रदेश के बाहर करें, हमें इससे कोई फर्क नहीं और न ही हमारा इसको लेकर कभी कोई विरोध है। हमारा तो बस इतना कहना है कि अभी तक कि इस तरह की बैठकों से प्रदेश व प्रदेशवासियों को क्या लाभ हुआ और वर्तमान की इस बैठक से प्रदेश और प्रदेशवासियों को क्या फायदा हुआ, यह शिवराज सरकार को बताना चाहिए। उन्हें यह भी बताना चाहिए कि ऐसे कौन से निर्णय पचमढ़ी में लिए गए कि जो भोपाल में नहीं लिए जा सकते थे।

उन्होंने आगे कहा, इस बैठक के पूर्व दावे तो बड़े-बड़े किए गए, लेकिन इस बैठक में सिर्फ आगामी चुनाव को देखते हुए, झूठी घोषणाओं के दम पर जनता को कैसे गुमराह किया जा सके, उस पर जरूर चिंतन-मंथन हुआ।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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