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दिल्ली हाईकोर्ट ने मृत्युदंड की एनआईए की याचिका पर यासिन मलिक को भेजा नोटिस

दिल्ली हाईकोर्ट ने मृत्युदंड की एनआईए की याचिका पर यासिन मलिक को भेजा नोटिस

Updated on: 29 May 2023, 03:20 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट ने जम्मू एंड कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) प्रमुख यासिन मलिक को एनआईए की एक याचिका के संबंध में नोटिस भेजा है जिसमें आतंक के लिए धन मुहैया कराने के एक मामले में उसे मृत्युदंड देने की मांग की गई है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के लिए अपील करते हुए, भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया कि यह दुर्लभतम मामला था।

विस्तृत आदेश की प्रति की प्रतीक्षा है।

उच्च न्यायालय ने यासिन की मौत की सजा पर विधि आयोग की सिफारिशें भी मांगी हैं।

एक विशेश एनआईए अदालत ने मई 2022 में मलिक को आतंक के लिए धन मुहैया कराने के 2017 के एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत सजा सुनाई थी जो जीवनपयर्ंत चलेगी।

पिछले साल पटियाला हाउस कोर्ट में कड़ी सुरक्षा के बीच टेरर फंडिंग मामले में सजा सुनाई गई थी।

पिछले साल निचली अदालत में सुनवाई के दौरान मलिक ने कहा था, मैं किसी भी चीज की भीख नहीं मांगूंगा। मामला इस अदालत के समक्ष है और मैं इसका फैसला अदालत पर छोड़ता हूं।

उसने अदालत को बताया था, अगर मैं 28 साल में किसी आतंकवादी गतिविधि या हिंसा में शामिल रहा हूं, अगर भारतीय खुफिया तंत्र इसे साबित करता है, तो मैं भी राजनीति से संन्यास ले लूंगा। मैं फांसी स्वीकार कर लूंगा.. सात प्रधानमंत्रियों के साथ मैंने काम किया है।

एनआईए ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि कश्मीरी पंडितों के घाटी से पलायन के लिए आरोपी जिम्मेदार है। जांच एजेंसी ने मलिक के लिए मौत की सजा का भी तर्क दिया था।

दूसरी ओर न्यायमित्र ने मामले में न्यूनतम सजा के तौर पर आजीवन कारावास की मांग की थी।

मलिक ने पहले इस मामले में अपना गुनाह कबूल कर लिया था। पिछली सुनवाई में उसने अदालत को बताया कि वह धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाना), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश), और 20 (यूएपीए के एक आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 124-ए (राजद्रोह) के तहत उसके ऊपर लगाए गए आरोपों को चुनौती नहीं देगा।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.