मंगलवार शाम को शिवपुरी मुक्ति धाम श्मशान भूमि में अंजलि का अंतिम संस्कार किया गया, रविवार तड़के करीब 12 किलोमीटर तक कार से घसीटने के बाद 20 वर्षीय अंजलि की दर्दनाक मौत हो गई थी।
किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पीड़ित के घर से श्मशान घाट तक 1,000 से अधिक पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया था।
जिस एम्बुलेंस में मृतक के शव को अंतिम यात्रा के लिए ले जाया गया था, उसके साथ 50 से अधिक पुलिस वाहन थे। परिवार के सदस्यों के अलावा किसी को भी श्मशान घाट में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी। बड़ी संख्या में लोग श्मशान घाट के बाहर जमा थे, पुलिस के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए जस्टिस फॉर अंजलि के नारे लगाते हुए तख्तियां और पीड़ित की तस्वीरें लिए हुए थे।
आक्रोशित एक प्रदर्शनकारी ने कहा, जब घटना हुई तब पुलिस कहां थी?, करण विहार निवासी रामपाल ने कहा, अंजलि को न्याय मिलना चाहिए। हम आरोपियों के लिए मृत्युदंड की मांग करते हैं। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, जब पीड़िता को 12 किमी तक घसीटा गया, तब पुलिस कहां थी? इलाके में कितने पुलिस वाहन थे, लापरवाही के दोषी पाए गए पुलिस कर्मियों को निलंबित किया जाना चाहिए।
रविवार की तड़के अंजलि की स्कूटी को टक्कर मारने के बाद कार के नीचे फंसी अंजलि को सुल्तानपुरी से कंझावला तक लगभग 12 किमी तक घसीटा गया, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। कार में सवार पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जो फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं।
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Source : IANS