सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने रविवार को कहा कि रक्षा भर्ती प्रक्रिया में सुधार लंबे समय से लंबित था और सेना में तोड़फोड़ करने वालोंऔर प्रदर्शनकारियों के लिए कोई जगह नहीं है।
उन्होंने कहा कि नई भर्ती योजना शुरू करने से पहले उम्र कम करने पर फैसला करने के लिए दो साल का अध्ययन किया गया।
अतिरिक्त सचिव ने यहां अग्निपथ योजना पर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, हम इस सुधार के साथ युवावस्था और अनुभव लाना चाहते हैं। अधिकारियों को पहले की तुलना में बहुत बाद में कमान मिल रही है।
उन्होंने कहा, हम 1984 से इसकी योजना बना रहे थे और अब यह विचार लेकर आए हैं। सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों के लिए आरक्षण पूर्व नियोजित था।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अग्निवीर को सियाचिन और अन्य स्थानों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू है। उन्होंने कहा कि सेवा शर्तो में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, अगर वह राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन बलिदान कर देते हैं, तो उन्हें एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा।
उन्होंने अग्निवीरों के प्रशिक्षण की आशंका के बारे में बात करते हुए कहा कि सभी कैडेट एक साल में ही प्रशिक्षण लेते हैं। उन्होंने कहा कि बाहर निकलने के बाद युवा कई तरह से कुशल होंगे।
लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी भर्तियां अग्निपथ योजना के माध्यम से ही होंगी।
चल रहे आंदोलन पर उन्होंने कहा कि सेना में बर्बरता के लिए कोई जगह नहीं है।
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Source : IANS