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रोहिणी शूटआउट : सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अधीनस्थ अदालतों में सुरक्षा बढ़ाने की मांग

रोहिणी शूटआउट : सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अधीनस्थ अदालतों में सुरक्षा बढ़ाने की मांग

Updated on: 25 Sep 2021, 11:20 PM

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी में रोहिणी अदालत परिसर के अंदर हुई गोलीबारी की घटना के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया गया है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों को अधीनस्थ अदालतों में सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई है।

रोहिणी अदालत में हमलावरों द्वारा की गई गोलीबारी में पेशी के लिए आए एक कुख्यात गैंगस्टर की मौत हो गई, जबकि पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दो हवलावर भी ढेर हो गए थे। दोनों तरफ से चल रही गोलीबारी के बीच तीन गैंगस्टर तो मारे ही गए, साथ ही पास में खड़ी एक लॉ इंटर्न भी घायल हो गई थी।

अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर आवेदन में निचली अदालतों में कट्टर अपराधियों और खूंखार गैंगस्टरों की उपस्थिति के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का उपयोग करने के निर्देश देने की मांग की गई है। न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं और कानूनी बिरादरी की सुरक्षा के लिए निर्देश देने की मांग वाली एक जनहित याचिका में आवेदन दायर किया गया है। इस जनहित याचिका में झारखंड में 28 जुलाई को धनबाद के न्यायाधीश उत्तम आनंद को वाहन से कुचले जाने का हवाला दिया गया है।

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन. वी. रमना ने रोहिणी अदालत परिसर की घटना पर शुक्रवार को गहरी चिंता व्यक्त की, जहां एक अदालत कक्ष के अंदर गोलीबारी में तीन गैंगस्टर मारे गए थे। इस घटना ने कोर्ट परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था में खामियों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

घटनाक्रम से परिचित एक सूत्र के अनुसार, सीजेआई ने इस घटना के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से बात की है और उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और बार दोनों से बात करने की सलाह दी कि अदालत का कामकाज प्रभावित न हो।

शीर्ष अदालत पहले से ही अदालत परिसरों और न्यायिक कर्मियों की सुरक्षा के संबंध में एक मामले की जांच कर रही है। सूत्र ने कहा कि रोहिणी कोर्ट परिसर में शुक्रवार को हुई हिंसा के मद्देनजर मामले को अगले सप्ताह प्राथमिकता दी जा सकती है।

जेल में बंद गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी और एक प्रतिद्वंद्वी गिरोह के दो हमलावर, जो वकील की पोशाक पहनकर आए थे, शुक्रवार को अदालत कक्ष के अंदर गोलीबारी में मारे गए।

इस बीच, एक अन्य वकील ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख कर अधिकारियों को राजधानी में जिला अदालतों की सुरक्षा के लिए उपाय करने का निर्देश देने की मांग की है।

तिवारी के आवेदन में कहा गया है कि ऐसी घटनाएं न केवल न्यायिक अधिकारियों, वकीलों और अदालत परिसर में मौजूद अन्य लोगों के लिए, बल्कि न्याय वितरण प्रणाली के लिए भी खतरा हैं।

अदालत परिसर में हुई हिंसा का हवाला देते हुए, आवेदन में देश में जिला अदालत परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने और सशस्त्र पुलिस चौकियों की स्थापना के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.