सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि अगले 25 वर्षो में 50 फीसदी खेतों में सटीक खेती की जाएगी।
कृषि मंत्रालय कृषि क्षेत्र में डिजिटलीकरण पर जोर दे रहा है और इस आशय के लिए पिछले कुछ वर्षो में निजी कंपनियों के साथ कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें माइक्रोसॉफ्ट और एग्रीबाजार जैसी एगटेक (कृषि प्रौद्योगिकी) कंपनियां भी शामिल हैं।
10 एमओयू और सेक्टर में चल रहे कार्यो का जिक्र करते हुए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रमोद मेहरदा ने कहा, 32 और खिलाड़ी हैं, जिन्होंने किसानों के साथ और हमारे साथ काम करने में रुचि दिखाई है। हम आवश्यकता का विश्लेषण करने के लिए समय ले रहे हैं।
मेहरदा ने किसानों की आय दोगुनी करने संबंधी समिति का हवाला देते हुए कहा कि समिति ने कृषि पद्धतियों में परिवर्तनकारी भूमिका निभाने वाली डिजिटल तकनीक का समर्थन किया था, चाहे वह रिमोट सेंसिंग का उपयोग हो, डेटा एनालिटिक्स, ड्रोन या इंटरनेट आदि हो। उन्होंने कहा, जैसे-जैसे अधिक से अधिक युवा प्रौद्योगिकी को अपनाते हैं और निर्णय समर्थन प्रणालियों के लिए स्मार्ट फोन की पहुंच बढ़ रही है और उत्पादकता बढ़ाने के लिए इस सभी तकनीक का उपयोग करके अधिक सटीक खेती होगी।
मेहरदा ने यहां कृषि में डिजिटलीकरण पर एक संगोष्ठी में कहा, अमृतकाल में, यानी अगले 25 वर्षो में कुल 50 प्रतिशत खेत सटीक खेती के अधीन होंगे।
अपने बजट 2022-23 के भाषण के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र में डिजिटलीकरण को शुरू करने और बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के अनुसंधान की भागीदारी के साथ किसानों को डिजिटल और हाई-टेक सेवाओं के वितरण के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी मोड में एक योजना शुरू करने की बात की थी।
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Source : IANS