सिंगापुर वल्र्ड सिटी समिट में शामिल होने के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल पोलिटिकल क्लीयरेंस के लिए सीधे विदेश मंत्रालय में आवेदन करेंगे। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने साझा किया कि, मुख्यमंत्री द्वारा समिट में शामिल होने के लिए जो फाइल भेजी गई उसपर एलजी ने अपना जवाब लिखते हुए कहा है, यह मेयर का सम्मेलन है। इस सम्मेलन में जिन विषयों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है, वे शहरी शासन के विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हैं, जो दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं। ऐसे में किसी मुख्यमंत्री का इस तरह के सम्मेलन में शामिल होना उचित नहीं है।
एलजी के जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, पानी आदि के क्षेत्र में शानदार काम किया है। इसे देखते हुए कि सिंगापुर सरकार द्वारा आयोजित किए जा रहे वल्र्ड सिटी समिट में जहां दुनिया भर के गवर्नेंस एक्सपर्ट्स, अर्बन एक्सपर्ट्स, लीडर्स शामिल हो रहे हैं। यहां मुख्यमंत्री को सिंगापुर सरकार द्वारा आमंत्रित करते हुए कहा गया कि उनके इनसाइट से ये समझने में मदद मिलेगी कि कैसे हम अपने शहरों को और अधिक रहने योग्य और सस्टेनेबल कैसे बना सकते हैं। इस प्रकार, दुनिया भर के लीडर्स दिल्ली के मुख्यमंत्री से राष्ट्रीय राजधानी में लागू की जा रही नीतियों और सुधारों के बारे में जानने और सीखने में रुचि रखते हैं। लेकिन दिल्ली के उपराज्यपाल ने करीब डेढ़ महीने तक फाइल रखने के बाद मुख्यमंत्री को समिट में शामिल नहीं होने की सलाह दे रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, अगर मुख्यमंत्री इस सम्मेलन के लिए सिंगापुर जाते हैं, तो दिल्ली के स्वास्थ्य, शिक्षा और परिवहन आदि के मॉडल के बारे में चर्चा होगी और सभी लोग यह जानते हैं कि देश के बाहर ऐसे किसी भी सम्मेलन में भाग लेने के लिए, एक निर्वाचित प्रतिनिधि को विदेश मंत्रालय से मंजूरी की आवश्यकता होती है। लेकिन एलजी मंजूरी न देते हुए मुख्यमंत्री के सम्मलेन में शामिल न होने की बात कर रहे है यह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है।
सिसोदिया ने कहा, इसे देखते हुए अब मुख्यमंत्री पोलिटिकल क्लेरेन्स के लिए सीधे विदेश मंत्रालय में आवेदन करेंगे और हमें उम्मीद है कि यह निर्णय राजनीति का शिकार नहीं होगा।
एलजी विनय कुमार सक्सेना की सलाह पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जवाब दिया है कि यह सिर्फ मेयर का सम्मेलन नहीं है। यह मेयरों, सिटी लीडर्स, नॉलेज एक्सपर्ट्स आदि का सम्मेलन है। सिंगापुर सरकार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को आमंत्रित करने के लिए चुना है।
सीएम की प्रतिक्रिया को साझा करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, यह सच नहीं है कि इस समिट में सिर्फ मेयर ही शामिल हो सकते हैं इस सम्मेलन के पिछले कई संस्करणों में भारत सहित विभिन्न देशों के कई मुख्यमंत्री और मंत्री शामिल हुए हैं। 2018 में, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी इसी सम्मेलन में शामिल हुए थे। ऐसे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस समिट में शामिल होने के लिए मंजूरी न देना पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है।
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Source : IANS