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दिल्ली सरकार ने थलसेना भवन के निर्माण के लिए पेड़ों के प्रत्यारोपण, कटाई की अनुमति दी

दिल्ली सरकार ने थलसेना भवन के निर्माण के लिए पेड़ों के प्रत्यारोपण, कटाई की अनुमति दी

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IANS
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New Delhi

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को नए भारतीय सेना मुख्यालय के निर्माण में मदद के लिए 579 पेड़ों को हटाने और दूसरी जगह लगाने की मंजूरी दे दी। रक्षा मंत्रालय ने दिल्ली छावनी में थलसेना भवन के निर्माण का प्रस्ताव दिया है।

मंत्रालय सेना के लिए अत्याधुनिक सुविधा के रूप में साइट को विकसित करना चाहता है। हालांकि, कुछ पेड़ पैच साइट के निर्माण में बाधा डाल रहे थे। इसलिए रक्षा मंत्रालय ने 579 पेड़ों को हटाने और प्रत्यारोपण के लिए दिल्ली सरकार से मंजूरी मांगी है, जिससे अत्याधुनिक थलसेना भवन के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा, जिसमें भारतीय सेना का नया मुख्यालय होगा।

दिल्ली सरकार ने प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कहा है कि 579 पेड़ों में से मंत्रालय 476 पेड़ों का प्रत्यारोपण करेगा, जबकि 103 पेड़ों की कटाई की जाएगी। प्रत्यारोपण चिन्हित परियोजना स्थल के भीतर होगा।

दिल्ली सरकार ने आगे मंत्रालय से कहा है कि साइट पर उन पेड़ों के अलावा एक भी पेड़ को नुकसान न पहुंचाए, जिसकी पहचान की गई है और जिसे सरकार ने मंजूरी दी है। यदि अनुमोदित वृक्षों के अलावा कोई वृक्ष क्षतिग्रस्त होता है तो यह दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के अंतर्गत अपराध होगा।

दिल्ली सरकार ने रक्षा मंत्रालय के लिए हटाए गए पेड़ों का दस गुना लगाना अनिवार्य कर दिया है।

मंत्रालय को पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए साइट के चारों ओर 5,790 नए पेड़ लगाने होंगे। इस प्रकार वे अब 5,790 नए पौधे लगाएंगे। इन वृक्षों को चिन्हित भू-खंडों पर वृक्षों के स्थानांतरण की अनुमति जारी होने की तिथि से 3 माह के अंदर लगाया जाएगा।

दिल्ली सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, मंत्रालय अगले सात वर्षो तक पेड़ों के रखरखाव की जिम्मेदारी लेगा।

दिल्ली सरकार द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार, दिल्ली की मिट्टी और जलवायु के अनुकूल विभिन्न प्रजातियों के पेड़ चिन्हित स्थानों पर लगाए जाएंगे।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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