दिल्ली सरकार ने डीबीएसई परीक्षा देने को मजबूर कर 2 हजार छात्रों का किया नुकसान : भाजपा
दिल्ली सरकार ने डीबीएसई परीक्षा देने को मजबूर कर 2 हजार छात्रों का किया नुकसान : भाजपा
नई दिल्ली:
भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल सरकार पर दो हजार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि कई दशकों से दिल्ली के स्कूलों के छात्र चाहे वे निजी या सरकारी स्कूलों के हों, सभी सीबीएसई परीक्षाओं का हिस्सा रहे हैं जो उन्हें विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों में प्रवेश की बड़ी प्रतियोगिता के लिए तैयार करते हैं। लेकिन केजरीवाल सरकार जैसी अराजक सरकार से ही छात्रों को सीबीएसई परीक्षा में शामिल होने के अवसर से वंचित करने की उम्मीद की जा सकती है।उन्होंने कहा कि डीबीएसई के इस प्रयोग को न तो सरकारी स्कूल के शिक्षक पसंद कर रहे हैं और न ही अभिभावक, इसलिए मनीष सिसोदिया के प्रयासों के बावजूद कोई भी माता-पिता परीक्षा के वैकल्पिक बोर्ड के रूप में डीबीएसई का चयन नहीं कर रहा था, तब उन्होंने स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के लगभग दो हजार छात्रों को यह परीक्षा देने के लिए मजबूर किया और अब ये छात्र कई अवसरों से वंचित रह गए हैं और एक गैर-मान्यता प्राप्त बोर्ड के शिकार हैं।
सचदेवा ने केजरीवाल सरकार और दिल्ली के शिक्षा मंत्री आतिशी की आलोचना करते हुए कहा कि निरंतर मूल्यांकन की प्रक्रिया कोई नई बात नहीं है, इसे सीबीएसई ने भी दसवीं कक्षा के लिए ग्रेडिंग प्रणाली के रूप में आजमाया था, लेकिन इससे शैक्षिक मानकों में गिरावट आई और प्रतिष्ठित शिक्षाविदों ने इसका विरोध भी किया, जिसके बाद सीबीएसई ने इसे वापस ले लिया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली पहला शहरी राज्य था, जिसने 1970 के दशक के अंत में अपना स्थानीय शिक्षा बोर्ड वापस ले लिया और अपने सभी स्कूलों को सीबीएसई से संबद्ध कर दिया। इसके परिणाम स्वरूप दिल्ली के शिक्षा स्तर में वृद्धि हुई है और अब यह देश में शीर्ष 5 में माना जाता है।
सचदेवा ने कहा है कि ऐसे समय में जब देशभर के छात्र सीयूईटी के माध्यम से उच्च शिक्षा में प्रवेश की तैयारी कर रहे हैं, दिल्ली सरकार के मंत्री द्वारा 3 घंटे की परीक्षा मॉडल अवधारणा की निंदा करना चौंकाने वाला है। उन्होंने कहा कि आतिशी का आज का बयान विरोधाभासी भी है, वह सीबीएसई और अन्य राज्य बोर्डो के 3 घंटे के परीक्षा मॉडल की निंदा करती हैं, वहीं दूसरी ओर वह उच्च शिक्षा संस्थानों की 3 घंटे की स्वतंत्र प्रवेश परीक्षा की अवधारणा का समर्थन कर रही हैं।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली सरकार अपने उत्कृष्ट स्कूलों का महिमामंडन करने की कोशिश करती है, लेकिन उन्हें इस नए दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन से संबद्ध कर दिया है, जो एक मान्यता प्राप्त बोर्ड नहीं है। उन्होंने मांग की कि दिल्ली सरकार को अपने स्कूल ऑफ एक्सीलेंस को डीबीएसई से संबद्ध करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
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