कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रविवार को लोकसभा में उपाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं किए जाने को असंवैधानिक बताते हुए सवाल उठाया।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, पिछले 4 वर्षो से लोकसभा में कोई उपाध्यक्ष नहीं है। यह असंवैधानिक है। कितनी दूर की बात है, मार्च 1956 में जब नेहरू ने विपक्षी अकाली दल के सांसद और नेहरू के आलोचक रहे सरदार हुकम सिंह के नाम लोकसभा उपाध्यक्ष के लिए प्रस्तावित किया था और उन्हें सर्वसम्मति से चुना गया था।
लोकसभा में विपक्ष के सांसद को डिप्टी स्पीकर नियुक्त करने की मिसाल रही है, लेकिन मौजूदा सदन में यह पद चार साल से खाली है।
पहली नरेंद्र मोदी सरकार में एआईएडीएमके के एम. थंबीदुरई डिप्टी स्पीकर थे, जबकि यूपीए शासन में इस पद पर अकाली दल के चरणजीत सिंह अटवाल और फिर बीजेपी के करिया मुंडा थे।
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Source : IANS