ईडी की सोनिया से पूछताछ को लेकर कांग्रेस के प्रदर्शन पर बंटी हुई राय : आईएएनएस सर्वे
ईडी की सोनिया से पूछताछ को लेकर कांग्रेस के प्रदर्शन पर बंटी हुई राय : आईएएनएस सर्वे
नई दिल्ली:
नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को तीसरे राउंड की पूछताछ के लिए फिर से बुलाया है।इससे पहले, 75 वर्षीय सोनिया गांधी से 21 जुलाई और 26 जुलाई को दो बार पूछताछ हो चुकी है। मंगलवार को उनसे करीब छह घंटे तक पूछताछ की गई।
कांग्रेस नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार द्वारा प्रतिशोध की राजनीति का आरोप लगाते हुए ईडी की कार्रवाई के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया।
राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई नेताओं को दिल्ली पुलिस ने संसद भवन के पास विरोध प्रदर्शन करने पर हिरासत में ले लिया। देश की सबसे पुरानी पार्टी ने सोनिया गांधी से पहले राउंड की पूछताछ के दौरान भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया था।
सीवोटर- इंडियाट्रैकर ने सोनिया गांधी से पूछताछ के खिलाफ कांग्रेस नेता और पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध की मंशा को लेकर लोगों के विचार जानने के लिए आईएएनएस की ओर से एक जनमत सर्वे कराया। सर्वे के दौरान इस मुद्दे पर लोगों की राय बंटी हुई थी।
सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, जहां 52 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन का मकसद ईडी द्वारा सोनिया गांधी से पूछताछ को बाधित करना था, तो वहीं 42 प्रतिशत लोगों ने विरोध-प्रदर्शन का समर्थन किया।
जाहिर है, सर्वे में इस मुद्दे को लेकर एनडीए के मतदाताओं और विपक्षी समर्थकों के विचारों में राजनीतिक मतभेद दिखाई दिए।
सर्वे के दौरान, एनडीए के 80 प्रतिशत मतदाताओं ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं ने जांच एजेंसी द्वारा सोनिया गांधी से पूछताछ में बाधा उत्पन्न करने के लिए विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, 67 फीसदी विपक्षी समर्थकों ने असहमति जताते हुए कहा कि ईडी द्वारा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता से पूछताछ प्रतिशोध की भावना है।
सर्वे के दौरान, इस मुद्दे पर शहरी और ग्रामीण दोनों तरह के मतदाताओं की राय भी बंटी हुई नजर आई।
सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, जहां 51 फीसदी शहरी मतदाताओं का मानना है कि कांग्रेस के विरोध का उद्देश्य सोनिया गांधी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई में गड़बड़ी पैदा करना था, तो वहीं 40 फीसदी शहरी मतदाता इस तर्क से असहमत थे।
इसी तरह, जबकि 53 प्रतिशत ग्रामीण मतदाताओं ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस पार्टी के आंदोलन का मुख्य उद्देश्य जांच एजेंसी के लिए समस्याएं पैदा करना है, वहीं 47 प्रतिशत ग्रामीण उत्तरदाताओं ने पूरी तरह से विपरीत विचार व्यक्त किए।
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