भारतीय नौसेना ने नौसेना उड्डयन उद्योग आउटरीच कार्यक्रम 11 अप्रैल को किया गया। कोलकाता में यह नौसेना उड्डयन उद्योग आउटरीच कार्यक्रम सीआईआई के पूर्वी क्षेत्र (ईआर) के सहयोग से आयोजित किया गया।
गौरतलब है कि इससे पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), जनरल अनिल चौहान ने 8 और 9 अप्रैल को त्रिशक्ति कोर के जीओसी के साथ वायुसेना स्टेशन और उत्तर बंगाल के अग्रिम क्षेत्रों का दौरा किया था। यहां सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने क्षेत्र में अवसंरचना विकास, परिचालन और संचालन तैयारियों के प्रगति की समीक्षा की। सीडीएस अनिल चौहान ने इस दौरान दूरदराज के इलाकों में तैनात सैनिकों के साथ बातचीत की और उनके उच्च मनोबल तथा व्यावसायिक कुशलता की सराहना की थी।
मंगलवार को आयोजित नौसेना उड्डयन उद्योग आउटरीच कार्यक्रम का उद्देश्य नवोन्मेषण-एकीकरण-स्वदेशीकरण के लिए अनूकूल ईको सिस्टम को बढ़ावा देना था। इसमें कोलकाता और उसके आसपास प्रचालन कर रहे 100 से अधिक उद्योग साझीदारों की सक्रिय सहभागिता देखी गई। कार्यक्रम के दौरान, एयर स्टोर्स के स्वदेशीकरण के लिए पुस्तिका (एमआईएनएएस) के द्वितीय संस्करण, जिसकी 2010 में इसके आरंभिक प्रकाशन के बाद व्यापक समीक्षा की गई है, का डीसीएनएस द्वारा अनावरण किया गया।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, नौसेना स्वदेशीकरण एजेंसियों के लिए मार्गदर्शक दस्तावेज के इस समसामयिक संस्करण में स्वदेशीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सरलीकृत प्रक्रियाएं तथा विद्यमान वित्तीय विनियमन का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के उपाय शामिल थे। उद्घाटन सत्र के बाद आयोजित होने वाले भारतीय नौसेना एजेंसियों एवं उद्योग साझीदारों द्वारा तकनीकी सत्रों की समीक्षा एसीएनएस (एयर मैटेरियल) रियर एडमिरल दीपक बंसल द्वारा की गई।
नौसेना स्टाफ के उप प्रमुख (डीसीएनएस) वाइस एडमिरल संजय महेंद्रू ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की, जिसमें तीनों सेनाओं, तट रक्षक, डीआरडीओ और सीआईआई (ईआर) के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने अपने दृष्टिकोण साझा किए। इस कार्यक्रम का आयोजन एचक्यूईएनसी के तत्वाधान में बैरकपुर के नौसेना लायजन प्रकोष्ठ द्वारा किया गया।
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Source : IANS