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आईपीसीसी रिपोर्ट संचयी उत्सर्जन में हमारी स्थिति की पुष्टि करती है : भारत

आईपीसीसी रिपोर्ट संचयी उत्सर्जन में हमारी स्थिति की पुष्टि करती है : भारत

Updated on: 10 Aug 2021, 01:10 AM

नई दिल्ली:

भारत ने सोमवार को कहा कि इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) वर्किं ग ग्रुप 1 की छठी आकलन रिपोर्ट (एआर6डब्ल्यूजीआई) में योगदान विकसित देशों के लिए तत्काल, गहरी उत्सर्जन कटौती और उनकी अर्थव्यवस्थाओं के डी-कार्बोनाइजेशन के लिए एक स्पष्ट आह्वान है।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, विकसित देशों ने वैश्विक कार्बन बजट के अपने उचित हिस्से से कहीं अधिक हड़प लिया है। केवल शुद्ध शून्य तक पहुंचना पर्याप्त नहीं है, क्योंकि यह शुद्ध शून्य तक संचयी उत्सर्जन है जो उस तापमान को निर्धारित करता है जो पहुंच गया है। यह आईपीसीसी रिपोर्ट भारत की स्थिति की पुष्टि करती है कि ऐतिहासिक संचयी उत्सर्जन जलवायु संकट का स्रोत है, जिसका आज विश्व सामना कर रहा है।

भारत ने सोमवार को जारी जलवायु परिवर्तन 2021 : भौतिक विज्ञान शीर्षक से एआर6डब्ल्यूजीआई रिपोर्ट का स्वागत किया। मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस रिपोर्ट को तैयार करने में कई भारतीय वैज्ञानिकों ने योगदान दिया है।

यह कहते हुए कि रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्बन डाइऑक्साइड सभी ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन परि²श्यों के तहत ग्लोबल वार्मिग का प्रमुख कारण रहा है और रहेगा।

यादव ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत ने जलवायु संकट से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। हम जलवायु परिवर्तन की वैश्विक समस्या और आर्थिक विकास से इसके उत्सर्जन को कम करने की राह पर हैं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.