राष्ट्रीय राजधानी में पहली बार दिल्ली सरकार और एमसीडी के स्कूलों में एक साथ जॉइंट मेगा पीटीएम का आयोजन किया जाएगा। एमसीडी और दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षा 3 से 8वीं तक के बच्चों के लिए 30 अप्रैल को मेगा पीटीएम का आयोजन किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री आतिशी ने अभिभावकों से कहा है कि मेगा पीटीएम में जरूर शामिल हों। अपने बच्चों की पढ़ाई के विषय में जानने के साथ-साथ स्कूल की बेहतरी के लिए भी सुझाव दें। वहीं मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पेरेंट्स की भागीदारी 97 फीसदी बढ़ी थी। उसी रिपोर्ट को देखते हुए जॉइंट मेगा पीटीएम आयोजन का फैसला किया है।
राज्य सरकार का कहना है कि दिल्ली में शिक्षा विभाग का बजट बढ़ाया गया है। स्कूलों को बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर दिया गया है। स्कूलों में पढ़ाई का बेहतर वातावरण तैयार किया गया है, लेकिन इन सब के अतिरिक्त शिक्षा प्रणाली के महत्वपूर्ण हिस्से अभिभावकों को भी हमने स्कूलों से जोड़ा। इससे न केवल शिक्षा प्रणाली में, बल्कि बच्च्चों की पढ़ाई में बहुत सकारात्मक बदलाव देखने को मिले। अब बदलाव की इस प्रक्रिया को हम एमसीडी के स्कूलों में भी शुरू करने जा रहे हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि दिल्ली में पहले लोगों के मन में अवधारणा थी कि पीटीएम एक ऐसी चीज है जो सिर्फ प्राइवेट स्कूलों में ही संभव है। पीटीएम उनके लिए है, जिनके माता-पिता पढ़े लिखे हों। लेकिन हमने इस अवधारणा को बदलने का काम किया और और मेगा पीटीएम जैसे अनूठे प्रयासों से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पेरेंट्स को उनके बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ स्कूल में भागीदार बनाने का काम किया।
मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने कहा कि शिक्षा समाज और देश को बदलने का सबसे बड़ा जरिया है। शिक्षा मॉडल में शिक्षक, बच्चे और पेरेंट्स 3 मुख्य स्टेकहोल्डर होते हैं। माता-पिता की बच्चों के पढ़ाई में भागीदारी बेहद अहम होती है, इसलिए अब दिल्ली सरकार के स्कूलों के बाद एमसीडी के स्कूलों में भी मेगा पीटीएम का आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि एससीईआरटी की रिपोर्ट के अनुसार, मेगा पीटीएम के बाद से दिल्ली सरकार के स्कूलों में पेरेंट्स की भागीदारी 97 फीसदी बढ़ी थी। उसी रिपोर्ट को देखते हुए हमने फैसला लिया कि आने वाली 30 अप्रैल को एमसीडी और दिल्ली सरकार के स्कूलों में जॉइंट मेगा पीटीएम का आयोजन किया जाएगा। इस मेगा पीटीएम से स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई में पेरेंट्स की भागीदारी बढ़ेगी। एमसीडी स्कूलों में पेरेंट्स और टीचर्स के बीच में जो गैप था वो कम होगा। टीचर्स, पेरेंट्स को उनके बच्चों के विषय में फीडबैक दे सकेंगे। स्कूल ने बच्चों के लिए आने वाले समय में जो रणनीतियां तय की हैं, उसके विषय में पेरेंट्स को सूचित कर सकेंगे।
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Source : IANS