सरकार और किसानों के बीच बैठक खत्म, अब 5 दिसंबर को होगी अगली मीटिंग
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में आंदोलन जारी है. इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाल रखा है.
नई दिल्ली:
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में आंदोलन जारी है. इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाल रखा है. हजारों की संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 8 दिनों से डटे हुए हैं. किसानों के आंदोलन पर राजनीति भी जमकर हो रही है. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार को घेरे हुए हैं, जबकि सरकार की ओर से लगातार किसानों से बातचीत की कोशिश की जा रही है. आज भी इस मुद्दे पर सरकार और किसान प्रतिनिधियों की बैठक होगी.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई बैठक के दौरान किसान नेताओं से कहा कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को नहीं छुआ जाएगा, इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. सरकार ने साफ संकेत दिए कि तीनों कानून सरकार वापस नहीं लेगी.
किसानों ने कहा कि हम सरकार का नमक नहीं खाएंगे, इसलिए हम अपने साथी किसानों के लिए खाना लेकर आए हैं.
किसानों के समर्थन में सिंघु बॉर्डर पहुंचे निहंग सिख, निहंग सिखों का कहना है कि मोदी सरकार को इन काले कानूनों को वापस लेना चाहिए और हम यहीं रहेंगे. हम भी किसान हैं और किसानों के साथ खड़े हैं.
Nihang Sikhs reach Singhu border (Delhi-Haryana border) in support of the farmers protesting against Central Government's farm laws.
They say, "Govt should roll back the black laws. Otherwise, we will continue to remain here. We are farmers too and we stand with these farmers." pic.twitter.com/9eOB3m9sAk
— ANI (@ANI) December 3, 2020
सूत्रों का कहना है कि कृषि कानूनों को लेकर जो सवाल किसान संगठनों ने उठाए थे कृषि सचिव उनके जवाब दे रहे हैं. किसान संगठनों ने कहा, सरकार के साथ मीटिंग में एक बिजनेस ब्रांड का बहुत बार उदाहरण दिया गया. बिहार के किसानों की आज जो हालत है उसके लिए सरकार का ढीला रवैया जिम्मेदार है.
किसान नेताओं ने शिकायत की है कि जब हम बैठक के लिए आते हैं तो दिल्ली पुलिस जगह-जगह हमें रोक कर पूछताछ करती है, कहां जा रहे हैं? क्यों जा रहे हैं? आधा-आधा घंटा रोका जाता है, इस पर पीयूष गोयल ने कहा कि आप चिंता ना करे, अगली बार से दिल्ली पुलिस की गाड़ी आपके वाहन के आगे-आगे चलेगी. मीटिंग में सबको बोलने का मौका नहीं मिला , अब सरकार अपनी बात रख रही है..
दिल्ली यूपी बॉर्डर पर पुलिस ने बेरिकेडिंग हटाकर जाम खुलवाने की कोशिश की. इस पर किसान वाहनों के सामने बैठ गए और हंगामा शुरू हो गया है.
NH 9 दिल्ली यूपी बॉर्डर पर पहुंचे मेरठ रेंज के आईजी प्रवीण कुमार, जिला अधिकारी अजय शंकर पांडेय ,एसएसपी गाजियाबाद कलानिधि नैथानी, गाजियाबाद पुलिस प्रशासन किसान आंदोलन को लेकर फेल साबित हो गया. सुबह से NH 9 को गाजियाबाद पुलिस प्रशासन ने नहीं खुलवा पाया.
गाजीपुर बॉर्डर (यूपी-दिल्ली बॉर्डर) पर एकत्रित हुए किसानों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ने का प्रयास किया.
#WATCH | Agitating farmers assembled at Ghazipur border (UP-Delhi border) try to break police barricades. pic.twitter.com/IOsqdJtQsG
— ANI UP (@ANINewsUP) December 3, 2020
ग़ाज़ियाबाद में तकरीबन 100 से ज्यादा टैक्टर ट्रॉली में सवार होकर सैकड़ों की संख्या में किसान NH 9 पर पहुंचे और दिल्ली की तरफ कूच की. दिल्ली पुलिस ने NH 9 पर दिल्ली की सीमा पर रोका.
शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर बादल ने कहा कि पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने किसानों के लिए पूरे जीवन संघर्ष किया. उन्होंने सरकार को एक मजबूत संदेश भेजने के लिए अपना पुरस्कार लौटा दिया. किसानों को इन कानूनों की आवश्यकता नहीं है, इसलिए भारत सरकार उन्हें किसानों पर मजबूर कर रही है?.
Parkash Singh Badal (former Punjab CM) fought for farmers for his entire life. He returned his award to send a strong message to the government. Farmers don't need these laws so why the Govt of India is forcing them on farmers?: Shiromani Akali Dal chief Sukhbir Badal to ANI https://t.co/b3kieAhllF pic.twitter.com/cyhrsfHnbw
— ANI (@ANI) December 3, 2020
जयपुर में CPI कार्यकर्ताओं ने किसान आंदोलन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन करते हुए दिल्ली-जयपुर हाईवे को ब्लॉक कर दिया.
किसानों के प्रदर्शन के कारण नोएडा और दिल्ली को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण सड़क पर वाहनों की आवाजाही तीसरे दिन भी बाधित रही. हालांकि नोएडा लिंक रोड (चिल्ला रोड) पर दो मार्ग में से एक को खोला गया जिससे लोग नोएडा के जरिए उत्तप्रदेश में दाखिल हो पाए.
किसानों के आंदोलन का इसका पंजाब की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर हो रहा है- कैप्टन अमरिंदर सिंह
मैंने गृह मंत्री के साथ अपनी बैठक में अपना विरोध दोहराया और उनसे इस मुद्दे को हल करने का अनुरोध किया- कैप्टन अमरिंदर सिंह
किसानों के आंदोलन को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की कृषि कानूनों पर किसान नेताओं के साथ बैठक शुरू हो गई है.
अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो किसान दिल्ली में आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेंगे- राकेश टिकैट
किसान नेता राकेश टिकैट ने कहा कि हमें उम्मीद है कि आज बात बनेगी. सभी काम होंगे, आज कानून वापसी होगी और किसान भी अपने घर जाएगा. अभी चलकर सरकार से बात करेंगे.
कृषि कानूनों के खिलाफ तेज होते आंदोलन के बीच सरकार से बातचीत के लिए 40 किसान नेता विज्ञान भवन पहुंच गए हैं.
Delhi: 40 farmer leaders are present at Vigyan Bhawan for talks with the government on farm laws https://t.co/V0IgciUqar
— ANI (@ANI) December 3, 2020
किसानों के प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है. प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है, 'भाजपा सरकार के मंत्री व नेता किसानों को देशद्रोही बोल चुके हैं, आन्दोलन के पीछे इंटरनेशनल साजिश बता चुके हैं. आन्दोलन करने वाले किसान नहीं लगते बोल चुके हैं. लेकिन आज बातचीत में सरकार को किसानों को सुनना होगा. किसान कानून के केंद्र में किसान होगा न कि भाजपा के अरबपति मित्र.'
भाजपा सरकार के मंत्री व नेता किसानों को
👉देशद्रोही बोल चुके हैं
👉आन्दोलन के पीछे इंटरनेशनल साजिश बता चुके हैं
👉आन्दोलन करने वाले किसान नहीं लगते बोल चुके हैं
लेकिन आज बातचीत में सरकार को किसानों को सुनना होगा। किसान कानून के केंद्र में किसान होगा न कि भाजपा के अरबपति मित्र।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 3, 2020
किसानों की मंत्रियों के साथ बैठक से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात होगी.
दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के एक समूह ने हवन किया है.
A group of farmers perform 'havan' at Gazipur-Ghaziabad (Delhi-UP) border.
A delegation of farmers will meet Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar today. pic.twitter.com/lxU4b445G6
— ANI (@ANI) December 3, 2020
आज किसानों से सरकार दूसरे दौर की बातचीत करेगी. उससे पहले सरकार ने किसानों से लिखित में किसानों से उनकी शिकायतें मांगी थी. जिसकी कॉपी सरकार को मिल चुकी है उन शिकायतों पर क्लॉज वाइज क्लॉज चर्चा होगी.
गाजियाबाद में यूपी दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि बातचीत में अगर कोई बीच का रास्ता नहीं निकलता है तो किसान नेशनल हाईवे को जाम कर सकते हैं.
गाजियाबाद में दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं. अब किसानों ने नेशनल हाईवे-9 को जाम करने की रणनीति बनाई है, जिसके लिए वह आगे बढ़े हैं.
दिल्ली में चल रहे आंदोलन में देशभर के किसान इकट्ठा हो रहे हैं. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी के अलावा गुजरात के किसान भी दिल्ली बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
गुजरात से आया किसानों का एक समूह कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हम टीवी पर देख रहे थे कि ये आंदोलन हरियाणा और पंजाब का है, लेकिन ये आंदोलन पूरे हिन्दुस्तान के किसानों के लिए चल रहा है। हम इस आंदोलन का समर्थन करने आए हैं।" pic.twitter.com/emiOmNfcKz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 3, 2020
गाजियाबाद में दिल्ली-गाजीपुर सीमा पर किसानों का प्रदर्शन जारी है. धरने पर बैठे किसानों के लिए गुरुद्वारे के स्वयंसेवक चाय पिला रहे हैं.
Volunteers from a gurudwara in Ghaziabad distribute tea to protesting farmers stationed at Delhi-Ghazipur border
A delegation of farmers will meet Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar today. pic.twitter.com/WYkUIV4xdL
— ANI (@ANI) December 3, 2020
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर डटे हुए हैं. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि जब तक प्रधानमंत्री समस्या का निदान नहीं करेंगे, तब तक किसान दिल्ली छोड़कर नहीं जाएंगे.
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "जब तक प्रधानमंत्री जी समस्या का निदान नहीं करेंगे, तब तक किसान दिल्ली छोड़कर नहीं जाएंगे।" #FarmersProtest pic.twitter.com/6kSLUEqjfG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 3, 2020
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है.
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आज किसान नेताओं के साथ बैठक करेंगे।#FarmersProtest pic.twitter.com/9kK182D694
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 3, 2020
किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली नोएडा के बीच चिल्ला बॉर्डर को आज फिर बंद कर दिया गया है. इसके अलावा टिकरी, झरोदा, झतिक्रा बॉर्डर को भी बंद किया गया है. बदुसराय बॉर्डर को सिर्फ दोपहिया वाहन के लिए पुलिस ने खोला है.
The chilla border on Noida link road is closed for traffic due to farmers protests near Gautam Budh Dwar. Tikri border, Jharoda Border, Jhatikra Border are closed for any Traffic Movement. Badusarai Border is open only for two-wheeler traffic: Delhi Traffic Police
— ANI (@ANI) December 3, 2020
कृषि कानूनों का विरोध खासकर हरियाणा और पंजाब के किसान कर रहे हैं. किसानों को अब सियासी दलों, सामाजिक संगठनों और खापों का समर्थन मिलने लगा है.
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