कभी नहीं दिया रेपिस्ट से शादी का प्रस्ताव, महिलाओं का करता हूं सम्मान : CJI एसए बोबडे

बलात्कार के मामले में उच्चतम न्यायलय द्वारा की गई टिप्पणी ‘उससे शादी करोगे' पर उपजे विवाद पर सोमवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने टिप्पणी देते हुए कहा कि इस मामले में गलत रिपोर्टिंग की गई.

बलात्कार के मामले में उच्चतम न्यायलय द्वारा की गई टिप्पणी ‘उससे शादी करोगे' पर उपजे विवाद पर सोमवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने टिप्पणी देते हुए कहा कि इस मामले में गलत रिपोर्टिंग की गई.

author-image
Avinash Prabhakar
एडिट
New Update
Chief Justice Of India

Chief Justice Of India( Photo Credit : File)

बलात्कार के मामले में उच्चतम न्यायलय द्वारा की गई टिप्पणी ‘उससे शादी करोगे' पर उपजे विवाद पर सोमवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने टिप्पणी देते हुए कहा कि इस मामले में गलत रिपोर्टिंग की गई. CJI एसए बोबडे ने कहा कि एक अदालत और एक संस्था के तौर पर हमारा हमेशा महिलाओं के लिए सर्वोच्च सम्मान है. उन्होंने कहा कि खबरों और एक्टिविस्ट ने “क्या आप उससे शादी करेंगे की टिप्पणी को संदर्भ से बाहर देखा, जोकि विवाद पैदा करने और अदालत की छवि को धूमिल करने के लिए था'.

Advertisment

बलात्कार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि मामले के संदर्भ में याचिकाकर्ता व्यक्ति से पूछा था कि क्या वह शिकायतकर्ता से शादी करेगा. उसने उसे "जाओ और शादी करो" के लिए नहीं कहा था. CJI बोबडे की पीठ ने कहा कि बलात्कार के मामले में अदालत के समक्ष कार्यवाही की पूरी तरह से गलत रिपोर्टिंग की गई. 

उन्होंने कहा कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने एक संस्था के रूप में सर्वोच्च न्यायालय ने महिलाओं को सर्वोच्च सम्मान दिया है. पीठ ने याचिकाकर्ता से कभी भी पीड़ित से शादी करने के लिए नहीं कहा. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने कहा कि एक संस्था और अदालत के रूप में हमारा हमेशा महिलाओं के प्रति सर्वोच्च सम्मान रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बार के हाथों में हमारी प्रतिष्ठा है, हमें इस तरह हमारी रक्षा करने की जरूरत नहीं है. 

इस मामले के सुनवाई के दौरान एसजी तुषार मेहता ने कहा मामले में अदालत के बयानों को पूरी तरह से तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया जैसे कि विवाह और समझौते के लिए कोई सुझाव दिया गया था. 

बता दें कि  हरियाणा में एक नाबालिग के 26 हफ्ते के गर्भ का गर्भपात कराने कि अनुमति वाली याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने यह टिप्पणी की थी. सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह टिप्पणी एक मार्च को आरोपी की याचिका पर सुनवाई के दौरान की थी, जिसने बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच द्वारा अपनी अग्रिम जमानत को रद्द करने के फैसले को चुनौती दी थी. CJI की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली थी. 

Source : News Nation Bureau

Harayana Rape Case CJI Marry Rapist Judgement CJI sa bobde Justice SA Bobde Chief Justice Of India
      
Advertisment