पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को आरएसएस के कार्यक्रम में बुलाए जाने को लेकर चल रहे विवाद पर आरएसएस ने विराम लगाने की कोशिश की है। संघ का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने भी संघ को 1963 के गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में निमंत्रित किया था और उस दौरान 3000 कार्यकर्ता परेड में शामिल हुए थे।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी नागपुर में संघ मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में 7 जून को शामिल होंगे जहां वो संघ के स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इतिहास से जुड़ी घटनाओं का जिक्र कर रही है उसका कहना है कि पहले भी ऐसा हो चुका है।
संघ की नेशनल मीडिया टीम के सदस्य और लेखक रतन शारदा ने कहा, 'भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू 1962 के चीन युद्ध में सीमा पर संघ के कार्यकर्ताओं की सेवा से प्रभावित हुए थे। उन्होंने संघ के कार्यकर्ताओं को 1963 के गणतंत्र दिवस की परेड में बुलाया था।'
रतन शारदा ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी संघ के वरिष्ठ नेता एकनाथ रनाडे के निमंत्रण पर 1977 में विवेकानंद रॉक मेमोरियल का उद्घाटन किया था।
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संघ के कार्यक्रम में प्रणव मुखर्जी के शामिल होने को लेकर कांग्रेस में चिंताएं बढ़ गई हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी संघ की विचारधारा की कई बार आलोचना कर चुके हैं।
ऐसे में मुखर्जी के संघ के कार्यक्रम में शामिल होने के फैसले का कांग्रेस के कई नेता इसका विरोध कर रहे हैं।
पार्टी के नेता संदीप दीक्षित का कहना है कि संघ एक ऐसी संस्था है जिसे देश में होना ही नहीं चाहिये। उन्होंने सवाल भी उठाया है कि प्रणव मुखर्जी संघ के विचारों के विरोधी रहे हैं और ऐसे में क्या संघ उनकी बातों का समर्थन करता है।
कांग्रेस के एक दूसरे नेता सीके जाफर शरीफ ने प्रणव मुखर्जी को पत्र लिखकर उनके संघ के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर दुख जताया है। उन्होंने कहा है कि वो अपना फैसला वापस लें।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी कांग्रेस के सांसद हैं इसके अलावा उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी कांग्रेस की पदाधिकारी हैं।
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Source : News Nation Bureau