NEET UG 2024 Paper Leaks मामले को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है. साथ ही पार्टी ने अपनी राज्य इकाइयों को छात्रों के लिए न्याय की मांग करते हुए शुक्रवार को अपने मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करने का निर्देश दिया है. कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के अध्यक्षों, सभी फ्रंटल संगठनों के प्रभारियों और प्रमुखों और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सचिवों को संबोधित एक पत्र में कहा कि, NEET-UG 2024 के आचरण और परिणामों के संबंध में कई शिकायतों और चिंताओं का समाधान करने के लिए इसकी तत्काल आवश्यकता है.
वेणुगोपाल ने अपने पत्र में लिखा कि, जैसा कि आप जानते हैं, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने 4 जून 2024 को NEET-UG 2024 के परिणाम जारी किए थे. कुछ उम्मीदवारों के बढ़े हुए अंकों के बाद अनियमितताओं और पेपर लीक के आरोपों के कारण परिणाम खराब हो गए हैं.
भाजपा शासित राज्यों में पैटर्न स्पष्ट
कुछ परीक्षण केंद्रों पर परीक्षा तकनीकी गड़बड़ियों, कदाचार और अनुचित साधनों से ग्रस्त रही है. बिहार, गुजरात और हरियाणा में हुई गिरफ्तारियों से संगठित भ्रष्टाचार स्पष्ट है, जिससे भाजपा शासित राज्यों में भ्रष्टाचार के पैटर्न का पता चलता है.
उन्होंने साथ ही कहा कि, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी इन आरोपों की गंभीरता पर प्रकाश डाला है और लापरवाही के प्रति शून्य सहनशीलता की मांग की है. इस तरह की अनियमितताएं परीक्षा प्रक्रिया की विश्वसनीयता को कमजोर करती हैं और अनगिनत समर्पित छात्रों के भविष्य को खतरे में डालती हैं. कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में पेपर लीक के खिलाफ सख्त कानून बनाकर युवाओं का भविष्य सुरक्षित करने का वादा किया था.
प्रदर्शन में शामिल हो वरिष्ठ नेता और पार्टी पदाधिकारी
वेणुगोपाल ने कहा एनईईटी परीक्षा में इस बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं और एनडीए सरकार की सख्त निष्क्रियता और चुप्पी के खिलाफ, सभी प्रदेश कांग्रेस समितियों से अनुरोध है कि, वे छात्रों के लिए न्याय की मांग करते हुए शुक्रवार, 21 जून 2024 को राज्य मुख्यालय पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करें. इस प्रदर्शन में वरिष्ठ नेताओं और पार्टी पदाधिकारियों को शामिल किया जाना चाहिए.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि, NEET-UG प्रश्नपत्र लीक, बढ़ी हुई मार्किंग और ग्रेस मार्क्स की मनमानी छूट के आरोपों के बीच इस साल की प्रक्रिया के खिलाफ हजारों छात्रों ने सड़कों पर उतरकर कई हफ्तों तक पूरे भारत में विरोध प्रदर्शन किया, जबकि विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है.
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