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आशुतोष( Photo Credit : News Nation)
NEET Paper Leak Case: नीट यूजी पेपर कांड में दिन पर दिन बड़े खुलासे सामने आ रहे हैं. इस मामले में अबतक का सबसे बड़ा कबूलनामा सामने आया है. ये कबूलनामा उस 'सेफ हाउस' में रहने वाले आशुतोष का है, जिसमें एग्जाम से पहले नीट पेपर मिलने पर कुछ स्टूडेंट्स को तैयारी करवाई गई थी. चश्मदीद आशुतोष ने पेपर मिलने के बाद 'सेफ हाउस' में क्या-क्या हुआ था, उसका आंखों देखा हाल बताया है. आशुतोष ने जो खुलासा किया है, उसने नीट पेपर कांड में साजिश की सारी परतों को खोलकर रख दिया है.
'बच्चों को तैयारी के लिए लाया गया था'
नीट पेपर लीक कांड में आशुतोष का एक-एक कबूलनामा हैरान करता है. उसने 4 और 5 मई की पूरी घटना का बारे में बताया है. आशुतोष ने बताया कि 4 मई को उसका दोस्त मनीष करीब पांच बच्चों को तैयारी करने के लिए नाम पर सेफ हाउस लाया था. ये सभी बच्चे दिन भर कुछ न कुछ पढ़ते रहे. फिर देर रात करीब 20 बच्चों और बच्चों को मनीष लेकर आया. ये सभी बच्चे पैदल आए थे. 4 मई की रात में उस सेफ हाउस में आशुतोष, मनीष के आलावा 25 बच्चे रुके हुए थे. इन बच्चों में तीन लड़कियां शामिल थीं.
'इंसानियत के नाम पर बच्चों को रुकने दिया'
आशुतोष ने बताया कि इन सभी बच्चों को भी एग्जाम की तैयारी करने के नाम पर लाया था. उसने आगे बताया कि मनीष ने मुझसे कहा कि जान पहचान के कुछ बच्चे हैं, कल नीट का एग्जाम है. रातभर रहने दीजिए, सुबह चले जाएंगे. इस पर उसने मनीष से कहा कि प्रभात भाइया को इस बारे में बता दीजिएगा, लेकिन मनीष ने उनको नहीं बताया. उसने इंसानियत के नाम पर उनको घर में रुकने दिया. घर के मालिक प्रभात ही हैं.
'एग्जाम से पहले ही देख लिया था पेपर'
आशुतोष ने बताया कि उसने नीट यूजी एग्जाम 2024 होने से पहले ही क्वेचन पेपर देख लिया था. उसने ये पेपर अपने दोस्त मनीष के पास देखा था. मनीष ने बताया कि 5 मई को जब वह सुबह उठा तो देखा कि मनीष के हाथ में एक पेपर की फोटो कॉपी थी. उसने सभी परीक्षार्थियों को पेपर का प्रिंट आउट दिया. सभी बच्चे उस पेपर को पढ़ने लगे. इसकी बाद मनीष बच्चों को अलग रूम में ले गया, जहां क्वेश्चन पेपर रटवाया गया था. इसके बाद सभी पेपर्स को जला दिया गया.
'इसके लिए मनीष ने नहीं दिया कोई पैसा'
आशुतोष ने बताया कि उसे नहीं पता था कि मनीष का प्लान था. वह किस मकसद से यहां आया था. उसने मदद मांगी थी, तो इंसानियत के नाते उसने बच्चों को घर में एक रात के लिए रुकने दिया. इसके लिए मनीष ने उसे कोई पैसा नहीं दिया. परीक्षा के बाद 5 मई को मनीष और सभी बच्चे घर से चले गए थे.
Source : News Nation Bureau
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