तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने राज्य के लिए नीट से छूट की मांग वाला विधेयक विधानसभा पर पुनर्विचार के लिए विधानसभा अध्यक्ष को लौटा दिया है क्योंकि यह छात्रों के हितों के खिलाफ है।
इस बिल को विधानसभा ने 13 सितंबर, 2021 को पारित किया था।
राजभवन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि राज्यपाल की राय थी कि विधेयक छात्रों, खासकर ग्रामीण और आर्थिक रूप से गरीब छात्रों के हितों के खिलाफ है।
राजभवन ने कहा, इसलिए, माननीय राज्यपाल ने सदन द्वारा पुनर्विचार के लिए विस्तृत कारण बताते हुए, 1 फरवरी, 2022 को माननीय अध्यक्ष, तमिलनाडु विधानसभा को विधेयक वापस कर दिया है।
बयान के मुताबिक, नीट से छूट की मांग करने वाले अंडरग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेज में दाखिले के बिल और इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट के विस्तृत अध्ययन के बाद रवि इस नतीजे पर पहुंचे।
समिति की रिपोर्ट ही विधेयक का आधार थी। रवि ने अपने निष्कर्ष पर पहुंचने के दौरान विशेष रूप से सामाजिक और आर्थिक रूप से गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के लिए मेडिकल प्रवेश में सामाजिक न्याय की पूर्व-नीट स्थिति की भी जांच की।
क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में सुप्रीम कोर्ट, वेल्लोर एसोसिएशन बनाम बयान में कहा गया है कि यूनियन ऑफ इंडिया (2020) मामले ने विशेष रूप से सामाजिक न्याय के नजरिए से इस मुद्दे की व्यापक जांच की और नीट को बरकरार रखा क्योंकि यह गरीब छात्रों के आर्थिक शोषण को रोकता है और सामाजिक न्याय को आगे बढ़ाता है।
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Source : IANS