नीरज शेखर ने राज्यसभा सदस्यता और सपा से इस्तीफा दिया, BJP में हो सकते हैं शामिल
नीरज शेखर ने राज्यसभा सदस्यता और सपा से इस्तीफा दिया
highlights
- नीरज शेखर ने पार्टी और सदस्यता से दिया इस्तीफा
- बलिया से लोकसभा टिकट नहीं मिलने पर नाराज थे नीरज
- जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं नीरज शेखर
नई दिल्ली:
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर (Former PM) के बेटे और समाजवादी पार्टी (SP) से राज्य सभा सांसद नीरज शेखर ने राज्यसभा की सदस्यता और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. गौरतलब है बीते कुछ समय से अखिलेश यादव और नीरज शेखर के बीच तनाव चल रहा था. सूत्रों की मानें तो नीरज शेखर चाहते थे उन्हें बलिया लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी का टिकट मिले लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया जिसके बाद से वो नाराज चल रहे थे. सूत्रों की मानें तो नीरज शेखर आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम सकते हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि 2020 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) उन्हें उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में भेज सकती है. राज्यसभा अध्यक्ष ने नीरज शेखर के इस्तीफा को स्वीकार भी कर लिया है.
मीडिया में आईं खबरों की मानें तो नीरज लोकसभा चुनाव में अपनी परंपरागत सीट बलिया से टिकट मांग रहे थे, लेकिन समाजवादी पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिसकी वजह से वो सपा पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे. नीरज अपने पिता पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के देहांत के बाद 2007 के उपचुनाव में पहली बार चुनाव लड़ा था. यह उपचुनाव नीरज शेखर ने लगभग तीन लाख वोटों से जीता था. इसके बाद साल 2009 के लोकसभा चुनावों में भी उन्होंने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा था.
साल 2014 के लोकसभा चुनावों में जब देशभर में मोदी लहर चली तो बलिया की यह सीट भी नहीं बची इस सीट से इस बार भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार भरत सिंह ने नीरज शेखर को शिकस्त दी थी. भरत सिंह ने यह चुनाव करीब सवा लाख वोटों से जीता था. आपको बता दें कि 8 जुलाई को ही पूर्व पीएम चंद्रशेखर की 12वीं पुण्यतिथि थी. जिसके कुछ दिनों बाद ही उन्होंने यह फैसला लिया है.
यह भी पढ़ें-लोकसभा ने एनआईए संशोधन विधेयक 2019 को दी मंजूरी, सदन में ध्वनिमत से पारित
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Vastu Tips: दक्षिण दिशा में मुख करके पूजा करना शुभ या अशुभ? कहीं आप तो नहीं कर रहें ये गलती
-
Kya Kehta Hai Hinduism: हिंदू धर्म में क्या है मुस्लिमों का स्थान, सदियों पुराना है ये इतिहास
-
Surya Dev ki Aarti: रविवार के दिन जरूर पढ़ें सूर्यदेव की ये आरती, जीवन में आएगा बड़ा बदलाव!
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पारण, जानें व्रत खोलने का सही तरीक