बारिश के बावजूद 93,920 मतदाताओं में से लगभग 60 प्रतिशत ने मंगलवार को भारत के सबसे पुराने नगर निकायों में से एक शिमला नगर निगम के 34 वार्डो में पार्षद चुनने के लिए मतदान किया। चुनाव मैदान में 102 उम्मीदवार थे। मुख्य रूप मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच है।
मतपत्रों की गिनती गुरुवार को होगी।
सुबह 8 बजे मतदान शुरू होने से पहले ही मतदाता मतदान केंद्रों पर पहुंचते देखे गए।
एक चुनाव अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि चुनाव प्रक्रिया शुरू होने में देरी की कोई खबर नहीं है।
शिमला से दो बार के पार्षद और मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने दो बेटियों और पत्नी के साथ वोट डाला।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को राज्य चुनाव आयोग के समक्ष उठाया था।
हालांकि मुख्यमंत्री सुक्खू ने भाजपा के आरोप को हास्यास्पद बताया।
दोपहर दो बजे तक 43 फीसदी से ज्यादा मतदान दर्ज किया गया। 44,161 महिलाओं सहित कुल 93,920 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के हकदार थे। आधे वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं।
भाजपा ने 23 वार्डो में महिला उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि कांग्रेस ने 18 वार्डो में। दोनों पार्टियां सभी 34 वार्डो में चुनाव लड़ रही थीं।
आप और माकपा ने क्रमश: 21 और चार सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।
जहां कांग्रेस ने पुराने और मर्ज किए गए दोनों क्षेत्रों के लिए एक समान कर व्यवस्था के लिए नीतियों को पेश करने का वादा किया है, वहीं भाजपा ने 50 प्रतिशत कचरा बिल माफी के अलावा हर महीने हर घर में 40,000 लीटर मुफ्त पानी देने का वादा किया है।
नगर निगम का पांच साल का कार्यकाल जून 2022 में खत्म हो गया था, लेकिन वार्डो के परिसीमन को चुनौती देने वाले अदालती मामले के कारण समय पर चुनाव नहीं हो सका।
पिछली भाजपा सरकार ने वार्डो की संख्या 34 से बढ़ाकर 41 कर दी थी।
सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार ने जनवरी में सात नए वार्डो को खत्म कर दिया है।
2017 के चुनावों में भाजपा ने 32 वार्डो में पहली बार 17 वार्ड जीतकर नगर निकाय कांग्रेस से छीन लिया था। कांग्रेस ने 12 वार्ड, माकपा ने एक और निर्दलीय ने चार वार्ड जीते थे।
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Source : IANS