एनडीएमए 350 जिलों में आपदा मित्र योजना शुरू करेगा : शाह
एनडीएमए 350 जिलों में आपदा मित्र योजना शुरू करेगा : शाह
नई दिल्ली:
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) जल्द ही देश के 350 जिलों में आपदा मित्र योजना शुरू करेगा।एनडीएमए के 17वें स्थापना दिवस पर बोलते हुए उन्होंने कहा, यह जानकर खुशी हो रही है कि 350 जिलों में एक लाख से अधिक युवा स्वयंसेवकों को आपदा मित्र योजना के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा। मैं आपदा मित्र बिरादरी को बधाई देता हूं! सरकार इन स्वयंसेवकों के लिए जीवन बीमा भी प्रदान करेगी। मुझे लगता है कि यह एक बहुत बड़ा कदम है।
उन्होंने यह भी कहा कि अब तक 5500 आपदा मित्र और इतनी ही आपदा सखी को प्रशिक्षित किया गया है जो दूरदराज के इलाकों में बाढ़ जैसी आपदा या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में मदद कर सकते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इन सभी स्वयंसेवकों के लिए जीवन बीमा की व्यवस्था करेगी।
यह देखते हुए कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) द्वारा प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए त्वरित कार्रवाई के बावजूद, समय लग जाता है, शाह ने कहा कि साइट तक पहुंचने में अधिक समय लग जाता है और अब इस दिशा में ये आपा मित्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि एनडीएमए ने अब तक 17 प्रकार की आपदाओं के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए हैं।
पूरे देश में आपदा प्रबंधन पर जागरूकता पैदा करने के लिए एक उपयुक्त वातावरण बनाने के लिए एनडीएमए को बधाई देते हुए, गृह मंत्री ने यह भी कहा, 1999 में ओडिशा में सुपर सायक्लोन आया और 10 हजार लोग मारे गए। इसके बाद वर्ष 2001 में भुज में आए भूकंप में 14 हजार लोग मारे गए। इन दोनों घटनाओं ने देश और सरकार के व्यवस्था तंत्र को झकझोर कर रख दिया और वहीं से विचार आया कि क्यों ना एक ऐसी व्यवस्था की जाए जो अपने आप में स्वतंत्र हो और ऐसी ऐजेंसियों के साथ जुड़े जो तत्काल प्रतिक्रिया दे सके।
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि आपदा प्रबंधन पाठ्यक्रम को माध्यमिक विद्यालयों के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए, ताकि बच्चे शुरू से ही तकनीक सीखें और बाद में उन्हें इसके लिए विस्तृत प्रशिक्षण की आवश्यकता न पड़े।
मंत्री ने कहा, मैं एनडीआरएफ को आपदा प्रतिक्रिया में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए बधाई देता हूं। इसने आपात स्थिति में नागरिकों को आश्वासन की एक बहुत जरूरी किरण प्रदान की है।
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में, सरकार अब आपदा के बाद के आकलन में सक्रिय कदम और राज्य द्वारा रिपोर्ट भेजने की प्रतीक्षा नहीं करती है।
1984 की भोपाल गैस त्रासदी का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि एनडीएमए की स्थापना उसी समय होनी चाहिए थी।
गृह मंत्री ने कहा, दूसरी कोविड-19 लहर के दौरान, कुछ हिस्से ऐसे भी थे जो चक्रवात से प्रभावित थे। जब कोई चक्रवात आता है तो बिजली गुल हो जाती है लेकिन सरकार पहले से सुनिश्चित करती है कि कोई भी अस्पताल बिना बिजली के न रहे और चक्रवात के कारण ऑक्सीजन ले जाने वाली ट्रेनें न रुकें।
उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि बिजली गुल होने से एक भी मरीज की मौत नहीं हुई और चक्रवात के दौरान कोई ट्रेन पटरी से नहीं उतरी।
इस अवसर पर गृह मंत्री ने योजना दस्तावेज, आपदा मित्र के लिए प्रशिक्षण नियमावली और कॉमन अलटिर्ंग प्रोटोकॉल (सीएपी) के लिए योजना दस्तावेज का भी शुभारंभ किया।
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