एनडीए की बैठक में पीएम के नेतृत्व पर लगी मोहर, 2019 का लोकसभा चुनाव मोदी के नेतृत्व में लड़ने की घोषणा

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद दिल्ली में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) एनडीए की बैठक में 33 दलों के नेता शामिल हुए।

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Abhishek Parashar
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एनडीए की बैठक में पीएम के नेतृत्व पर लगी मोहर, 2019 का लोकसभा चुनाव मोदी के नेतृत्व में लड़ने की घोषणा

NDA बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर लगी मुहर (फाइल फोटो)

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद दिल्ली में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) एनडीए की बैठक में 32 दलों के नेता शामिल हुए। एनडीए की यह दूसरी बैठक थी और सभी दलों ने सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2019 का आम चुनाव लड़ने की घोषणा की।

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प्रस्ताव में कहा गया है, 'एनडीए के सदस्य 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।' बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बैठक में एक प्रस्ताव किया गया, जिसमें पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में मोदी के नेतृत्व में मिली जीत और लोकप्रियता को लेकर चर्चा की गई।

जेटली ने कहा कि हमने देश में एक साफ सुथरी सरकार दी है। बैठक के बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा, 'लोगों ने मोदी की योजनाओं और उनके काम पर भरोसा दिखाया है।' उन्होंने कहा इससे पहले कोई भी प्रधानमंत्री ब्रांड इंडिया को प्रोमोट नहीं करता था, लेकिन मोदी ने यह काम किया। 

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उन्होंने कहा कि बैठक में भविष्य की योजनाओं को लेकर भी प्रस्ताव पेश किया गया। नायडू ने कहा हमें 10 सालों की खराब विरासत मिली थी और हम इसे ठीक करने में सफल रहे हैं। इसके साथ ही एनडीए सरकार के पहले 3 सालों के कार्यकाल में भ्रष्टाचार का कोई मामला सामने नहीं आया।

नायडू ने नोटबंदी के फैसले को लेकर भी एनडीए की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि बैठक में इंफ्रास्ट्रक्चर समेत अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कहा, 'अभी काम खत्म नहीं हुआ है। हमें आगे भी काम करना है। अभी 2019 के चुनाव होने हैं और हम काम करने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।' नायडू ने कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जो दहाई अंकों में ग्रोथ करने जा रहा है और यह सब कुछ नरेंद्र मोदी की वजह से हो रहा है।

सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई बैठक में अगले लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए की एकजुटता और राष्ट्रपति के चुनाव से पहले होने वाली रणनीति पर भी चर्चा हुई। बैठक में शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी हिस्सा लिया।

शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड़ प्रकरण ने दोनों दलों के रिश्तों को और अधिक तल्ख किया था। गायकवाड़ पर बैन के बाद शिवसेना की तरफ से एनडीए बैठक के बहिष्कार की धमकी दी गई थी।

इससे पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी और शिव सेना के आपसी रिश्तों में बेहद कड़वाहट आई है। नोटबंदी के फैसले को लेकर भी शिव सेना बीजेपी पर हमलावर थी और उसने इस मामले में विपक्षी दलों का भी साध दिया था।

जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में शिव सेना के मतों की बीजेपी को जरूरत होगी। सेना के समर्थन के बिना एनडीए को अपनी पसंद के राष्ट्रपति उम्मीदवारों को जिताने में काफी मुश्कलें होंगी।

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एनडीए की बैठक में अलग-अलग राज्यों में बीजेपी के साथ गठबंधन चला रहे दलों के नेता भी शामिल हुए। 

उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद बीजेपी उत्तर पूर्व से लेकर गोवा और जम्मू से लेकर आंध्र तक सहयोगी दलों के साथ सरकार चला रही है।

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पार्टी की पूरी कोशिश 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले इस एकजुटता को बनाए रखने की है, जिसकी पहली परीक्षा राष्ट्रपति चुनावों में होने जा रही है।

एनडीए की कोशिश राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के पद पर एनडीए समर्थक उम्मीदवारों को पहुंचाने की है, और इसके लिए उसे सहयोगी दलों के समर्थन की जरूरत होगी। बिखरे विपक्षी दलों की कमजोर ताकत को देखते हुए बीजेपी की पूरी कोशिश अगले लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए दलों की एकजुटता को बनाए रखने की है। 

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इसके अलावा मनोहर पर्रिकर को गोवा का मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद रक्षा मंत्रालय खाली पड़ा है। माना जा रहा है आने वाले दिनों मोदी सरकार अपने कैबिनेट में फेरबदल कर सकती है और इसमें सहयोगी दलों के लिए संभावनाएं बन सकती है।

HIGHLIGHTS

  • पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई एनडीए की बैठक
  • एनडीए की बैठक में पीएम मोदी के नेतृत्व पर लगी मोहर, 2019 का लोकसभा चुनाव मोदी ने नेतृत्व में लड़ने की घोषणा

Source : News Nation Bureau

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