सिंघु बॉर्डर पर हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण, हर महीने दलितों के उत्पीड़न की मिल रहीं शिकायतें : एनसीएससी अध्यक्ष
सिंघु बॉर्डर पर हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण, हर महीने दलितों के उत्पीड़न की मिल रहीं शिकायतें : एनसीएससी अध्यक्ष
नई दिल्ली:
सिंघु बॉर्डर पर किसानों के धरना स्थल पर हुई एक व्यक्ति की निर्मम हत्या के मामले पर शनिवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला से 15 विभिन्न दलित संघठनों के लोग मुलाकात करने पहुंचे और आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की।वहीं आयोग के अध्यक्ष ने भी सभी संगठनों को भरोसा दिलाया है कि इस घटना पर जो भी उचित कदम होंगे वो उठाये जाएंगे।
इसके अलावा आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने आईएएनएस से खास बातचीत कर घटना की निंदा की और आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि, सिंघु बॉर्डर पर हुई घटना को पहली नजर से ही देखने मे रोंगटे खड़े होते हैं। यह अपने आप में दिलदहलाने वाली घटना है। गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी यदि उस व्यक्ति ने की थी तो हम उसके पक्षधार नहीं है। उसपर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए थी, लेकिन इस तरह से सजा देने का अधिकार किसी को नहीं है।
क्या इस घटना के बाद किसान नेताओं से कोई बातचीत हुई ? इस सवाल के जवाब में सांपला ने कहा कि, हमारी कभी कोई बात नहीं हुई और न ही मेरा किसानों से कोई लेना देना है। लेकिन बहुत सारे अनसूचित जाती के लोग उनके आंदोलन का हिस्सा हैं। मगर उन्ही के लोगों के साथ ऐसा होना यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
इसके अलावा उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि, देर रात की घटना पर सुबह से दोपहर तक किसान आंदोलनकारियों का एक शब्द नहीं आया। वहीं घटना की निंदा घुमा फिरा कर की।
आंदोलनकारियों ने मृतक और आरोपी के सम्बंध में यह तक कहा कि, हमारे आंदोलन का हिस्सा नहीं है। 10 महीने से वो आपके साथ काम कर रहे हैं और हर कदम पर आपके साथ खड़े हैं। लेकिन यह कर अपना पलड़ा झाड़लेना ठीक नहीं है।
हालांकि जब आयोग के अध्यक्ष से यह पूछा गया कि आयोग के पास अब तक कितने दलितों के उत्पीड़न के मामले सामने आए हैं ? इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि, देशभर से लगभग एक हजार घटनाएं दलितों के उत्पीड़न की हर महीने हमारे पास आती हैं, जिसपर आयोग संज्ञान लेता है।
इन मामलों में सबसे अधिक मामले बंगाल, राजस्थान से हैं। पंजाब से भी मेरे पास बहुत मामले सामने आते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार अकेले आयोग अध्यक्ष के पास ही मार्च महीने से अब तक 3241 शिकायतें आ चुकी हैं इनके अलावा आयोग के विभिन्न सदस्यों के पास भी शिकायतें आती रहती हैं।
किस तरह से इन मामलों को रोकने के प्रयास आयोग कर रही है ? इसपर उन्होंने कहा कि, आयोग के 4 सदस्य हैं और सभी को काम बांट दिए गए हैं, लेकिन जिस वक्त मैंने आयोग की जिम्मेदारी संभाली थी उस वक्त करीब 68 हजार फाइलें पेंडिंग थीं, इसके बाद हमने अब तक करीब 30 हजार मामले खत्म कर दिए हैं।
दलितों की सुरक्षा पर आयोग का क्या कदम रहा है ? इसपर आयोग अध्यक्ष सांपला ने कहा कि, यह लॉ एंड आर्डर का मामला है। लेकिन हमारे पास जो भी घटनाएं आती है उसमें हम दखलंदाजी कर उनको न्याय दिलाने का काम करते हैं।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर गलती से भी न करें ये काम, बजरंगबली हो जाएंगे नाराज
-
Vastu Tips For Office Desk: ऑफिस डेस्क पर शीशा रखना शुभ या अशुभ, जानें यहां
-
Aaj Ka Panchang 20 April 2024: क्या है 20 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह