एनसीपी नेता शरद पवार की बेटी और लोक सभा सांसद सुप्रिया सुले ने टाटा समूह के हटाए गए चेयरमैन सायरस मिस्त्री का बचाव किया है। सुले ने उन पर लगाए गए आरोपों को गलत बताते हुए कहा, 'मिस्त्री ने टाटा की भलाई के लिए कड़ी मेहनत की थी।'
सुप्रिया सुले ने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत के दौरान खुद को मिस्त्री और उनकी पत्नी रोहिक़ा चागला की अच्छी दोस्त बताया और कहा कि सायरस मिस्त्री ने टाटा समूह को अपने परिवार और पारिवारिक कारोबार के हिस्से का सारा समय दिया है, ऐसे में उनके प्रदर्शन को खराब बताना ग़लत है।
दरअसल 24 अक्टूबर को सायरस मिस्त्री को टाटा समूह की बोर्ड मीटिंग के दौरान पद से हटा दिया गया था। फिलहाल अगले चार महीने तक पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ही समूह के अंतरिम चेयरमैन होंगे। मिस्त्री का उत्तराधिकारी खोजने के लिए सर्च कमेटी का गठन किया गया है।
सायरस मिस्त्री को रतन टाटा के 75 वर्ष पूरे करने पर 29 दिसंबर 2012 में उनके उत्तराधिकारी के तौर पर चुना गया था।
मिस्त्री ने कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को भेजे ईमेल में कहा कि उन्हें बचाव का मौका नहीं दिया गया और उन्हें पद से हटाने के दौरान निर्धारित प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया गया। बताया जाता है कि मिस्त्री के काम से टाटा ग्रुप का बोर्ड खुश नहीं था।
खबरों के अनुसार मिस्त्री को हटाने की पटकथा पहले ही तैयार हो गई थी। मिस्त्री को हटाने के लिए कई महीनों पहले ही फैसला ले लिया गया था।सूत्रों के अनुसार जापानी टेलीकॉम कंपनी एनटीटी डोकोमो से कानूनी लड़ाई हारने ने मिस्त्री के बचे-खुचे अवसर भी खत्म कर दिए। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने टाटा को 1.17 बिलियन डॉलर रुपये डोकोमो को चुकाने को कहा था।
Source : News Nation Bureau