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फारूक अब्दुल्ला( Photo Credit : न्यूज स्टेट)
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कांफ्रेंस चीफ फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी शनिवार को 3 महीने के लिए बढ़ा दी गई है. आपको बता दें कि फारूक अब्दुल्ला को पिछले 5 अगस्त से ही सरकार की नजरबंदी में हैं. आपको बता दें कि 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर से ऑर्टिकल 370 को निष्प्रभावी करने के साथ ही जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटा लिया गया था. जम्मू-कश्मीर कानून ने जनसुरक्षा कानून के तहत नेशनल कांफ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी को तीन महीने की अवधि के लिए बढ़ा दिया. फारूक अब्दुल्ला को कश्मीर में धारा 370 को निष्प्रभावी बनाने के बाद से ही सरकार ने नजरबंद कर रखा है.
National Conference leader Farooq Abdullah's detention under Public Safety Act, extended for three more months. (File pic) pic.twitter.com/UhtSZQgWo1
— ANI (@ANI) December 14, 2019
अधिकारियों ने बताया कि फारूक अब्दुल्ला पीएसए के तहत अपने ही घर में निरुद्ध हैं वह अपने घर में ही रहेंगे जिसे सब-जेल घोषित किया गया है. आपको बता दें कि फारूक अब्दुल्ला तीन बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और मौजूदा समय में श्रीनगर से सांसद हैं. पीएसए के तहत सरकार किसी शख्स को बिना ट्रायल के छह महीने से दो साल की समयावधि के लिए हिरासत में रख सकती है. इससे पहले जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी रही पीडीपी के एक सांसद ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत नजरबंद अन्य नेताओं को रिहा करने की मांग की थी। उन्होंने शाह से घाटी के लोगों के मन में बैठे डर को भी दूर करने की अपील की थी.
इसके पहले पीडीपी के राज्यसभा सांसद फैय्याज ने नजरबंद नेताओं को रिहा करने की भी मांग की थी. गौरतलब है कि 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने के बाद से केंद्र की मोदी सरकार ने पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला समेत कई नेताओं को नजरबंद किया है. इसके बाद से ही जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में भी विभाजित कर दिया गया है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो