छत्तीसगढ़ः ऑपरेशन 'प्रहार' के डर से नक्सली नेता ले रहे बाहरी राज्यों में शरण

छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में ऑपरेशन प्रहार और नक्सलियों के खिलाफ बढ़े पुलिस दबाव के चलते क्षेत्र में खौफजदा सक्रिय नक्सली नेता बाहरी राज्यों में शरण ले रहे हैं।

author-image
desh deepak
एडिट
New Update
छत्तीसगढ़ः ऑपरेशन 'प्रहार' के डर से नक्सली नेता ले रहे बाहरी राज्यों में शरण

डीजी (नक्सल) डी.एम. अवस्थी (फाइल फोटो)

छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में ऑपरेशन प्रहार और नक्सलियों के खिलाफ बढ़े पुलिस दबाव के चलते क्षेत्र में खौफजदा सक्रिय नक्सली नेता बाहरी राज्यों में शरण ले रहे हैं। इनके स्थान पर तेलंगाना-आंध्र प्रदेश व महाराष्ट्र के नक्सली नेताओं को बस्तर में सक्रिय किया जा रहा है। डीजी (नक्सल) डी.एम. अवस्थी ने पुष्टि की, 'हमें भी इस संबंध में खुफिया जानकारी मिली है।'

Advertisment

दरभा डिवीजनल कमेटी के सचिव रहे नक्सली नेता सुरेंद्र उर्फ मड़कामी भीमा को नक्सलियों ने नई जोनल कमेटी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी दी है। यह जानकारी पिछले दिनों नक्सलियों के बरामद साहित्य से मिली है।

आत्मसमर्पण के बाद से बस्तर के कई नक्सली नेताओं की पहचान पुलिस को मिली है। इनमें से कई नक्सली नेताओं के घर के पते और उनकी तस्वीरें पुलिस के हत्थे चढ़ने से इन नेताओं पर खतरा मंडराने लगा है।

और पढ़ेंः लश्कर कमांडर के जनाजे में आतंकियों समेत हजारों हुए शामिल

बारसूर एरिया कमेटी के सचिव विलास को पुलिस ने जिस तरह मुठभेड़ में मार गिराया, उससे नक्सलियों में चिंता बढ़ गई है। नक्सली संगठन में पुलिस की सेंधमारी से घबराए नक्सली बस्तर क्षेत्र में अपनी रणनीति में फेरबदल करने पर मजबूर हो गए हैं।

सूत्रों के अनुसार, बस्तर के कई आदिवासी नक्सली नेताओं की पहचान जाहिर होने के बाद नक्सलियों ने तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र से कई नक्सली नेताओं को बस्तर बुलाया है। इनमें से कई नए नक्सलियों को भाषा, क्षेत्र की जानकारी आदि से रूबरू करवाया जा रहा है।

नक्सलियों ने पुलिस की बढ़ती मुखबिरी पर चिंता जाहिर करते हुए अपने कैडर को निर्देश दिए हैं कि वे मोबाइल फोन का इस्तेमाल कम से कम करें। यदि जरूरी हो तो कोड में ही बात करें। इसी तरह वॉकी-टॉकी में भी बात कोडवर्ड में करें।

बस्तर के दरभा क्षेत्र मे जहां सुरेंद्र उर्फ मड़कामी भीमा सचिव की जिम्मेदारी निभा रहा था, वहीं श्याम दादा उर्फ चैतू उर्फ पंकज को प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है। जबकि सुरेंद्र को दरभा से हटाकर दूसरे स्थान पर भेज दिया गया है। ऐसे में दरभा डिवीजन की कमान अब श्याम दादा के पास आ गई है।

वर्तमान में वह दक्षिण बस्तर से दरभा को संभाल रहा है। इसी तरह पश्चिम बस्तर डिवीजन की सचिव माधवी के जाने के बाद वहां कोई नया सचिव बनाकर वरिष्ठ नक्सली नेता व दक्षिण बस्तर रीजनल कमेटी के सचिव गणेश उईके को इस पश्चिम बस्तर डिवीजन की कमान दी गई है।

और पढ़ेंः 1962 के बाद भारत-चीन के बीच सबसे ज्यादा तनाव, सिक्किम सीमा पर बढ़ाई गई जवानों की संख्या

Source : IANS

naxalite leader Operation Prahar Chattisgarh
      
Advertisment