नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, मुंबई के विवादास्पद क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े को केंद्र द्वारा सेवा विस्तार दिए जाने से इनकार के तुरंत बाद महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक ने सोमवार को कहा कि अधिकारी की गलतियों के खिलाफ युद्ध जारी रहेगा।
मलिक ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए वानखेड़े के स्थानांतरण को उचित और आवश्यक करार दिया। उन्होंने कहा कि इससे मुंबई एनसीबी में उनकी मनमाने ढंग से काम करने की शैली पर अंकुश लगाया जा सकेगा, जबकि नई दिल्ली के एक बड़े भाजपा नेता द्वारा एक और विस्तार की मांग के लिए गहन लॉबिंग की गई।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता आईआरएस अधिकारी के एनसीबी में विस्तारित कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त होने के बाद मीडिया से मुखातिब हुए। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, अब उन्हें राजस्व खुफिया विभाग (डीआरआई) में तैनात किया जाएगा।
मलिक ने कहा, जिस दिन से उन्होंने (वानखेड़े) यहां कार्यभार संभाला, वह फर्जीवाड़ा (मामलों को गढ़ने) में लिप्त थे, निर्दोष लोगों को जेल में डाल रहे थे, कई लोग फर्जी मामलों में फंस गए थे, इसके अलावा कई अन्य अनियमितताएं भी की थीं, लेकिन हमने सब कुछ उजागर कर दिया है।
उन्होंने दोहराया कि कैसे वानखेड़े ने केंद्रीय नौकरी पाने के लिए फर्जी जाति प्रमाणपत्र जमा किया था, अपनी आय छुपाई थी, नाबालिग होने के बावजूद अपने नाम पर शराब का लाइसेंस हासिल किया था और सरकार के लिए काम करते हुए इस तथ्य को छुपाया था, अपने परिवार से संबंधित जानकारी छुपाई थी, जनकी अब जांच की जा रही है।
मलिक ने कहा, हमने यह सब सार्वजनिक डोमेन में लाया। नकली जाति प्रमाणपत्र मामले की इस समय जांच की जा रही है। मैं भी इस मामले में एक शिकायतकर्ता हूं और मेरी कानूनी टीम इसमें भाग ले रही है। फर्जी जाति दस्तावेज के कारण वह निश्चित रूप से अपनी नौकरी खो देगा।
उन्होंने बताया कि वानखेड़े के खिलाफ दो अलग-अलग जांच चल रही हैं - कैसे उन्होंने अपनी सेवा शर्तो का उल्लंघन किया और 2 अक्टूबर, 2021 को कॉर्डेलिया क्रूज जहाज की छापेमारी की, जिसमें बॉलीवुड मेगास्टार शाहरुख खान के बेटे आर्य खान शामिल थे। उन्होंने कहा कि वह वानखेड़े का तार्किक अंत तक पीछा करेंगे।
यह दावा करते हुए कि भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने वानखेड़े को सेवा विस्तार दिलाने के लिए कड़ी पैरवी की थी, मलिक ने उनका नाम लेने से इनकार कर दिया, क्योंकि (वानखेड़े के) स्थानांतरण की अब पुष्टि हो गई है, लेकिन उन्होंने कहा कि अगर वानखेड़े को बाहर नहीं किया गया होता, तो वह तथ्य का पता लगाने के लिए आरटीआई का सहारा लेते।
वानखेड़े के इस बयान का हवाला देते हुए कि उन्होंने विस्तार नहीं मांगा था, बल्कि दो महीने की छुट्टी पर जाने की योजना बना रहे थे, मंत्री ने इसे सुनियोजित करार दिया और पूछा कि कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद उनका तबादला क्यों नहीं किया गया।
उन्होंने कहा, वानखेड़े ने जहां भी अवैध काम किया है, हम उन्हें साबित करने के लिए सभी सबूत अदालतों के सामने पेश करेंगे। यह साबित होगा और वह निश्चित रूप से कार्रवाई का सामना करेंगे। उन्होंने मुझे और मेरे परिवार को डराने और धमकाने की कोशिश की, लेकिन हम इससे नहीं डरते।
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Source : IANS