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महाराष्ट्र सरकार पर बयान के बाद दिया राहुल को मिला नवाब मलिक का साथ, कह दी ये बड़ी बात

इस सरकार को कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना तीनों दलों का समर्थन है. सभी दल एकजुट हैं और महाराष्ट्र की जनता की सेवा में लगे हुए हैं. तीनों दल कोरोना वायरस महामारी के दौरान महाराष्ट्र की जनता की सेवा करने के लिए काम कर रहे हैं.

Updated on: 26 May 2020, 06:58 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र सरकार को लेकर दिए गए बयान के बाद एनसीपी नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बयान का समर्थन करते हुए कहा है कि उनका कहना बिलकुल ठीक है महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की सरकार है. इस सरकार को कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना तीनों दलों का समर्थन है. सभी दल एकजुट हैं और महाराष्ट्र की जनता की सेवा में लगे हुए हैं. तीनों दल कोरोनावायरस (Corona Virus) महामारी के दौरान महाराष्ट्र की जनता की सेवा करने के लिए काम कर रहे हैं.

आपको बता दें कि पिछले दो महीनों से कोरोना वायरस संक्रमण नहीं रोक पाने की वजह से महाराष्ट्र सरकार लगातार विपक्षियों के निशाने पर है और उद्धव ठाकरे को सीएम के पद से बर्खास्त करने की मांग कर रही है. वहीं आपको बता दें कि अब राहुल गांधी ने भी महाराष्ट्र सरकार को लेकर बड़ा बयान दे दिया है. राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार चलाने को लेकर उनकी पार्टी की प्रमुख भूमिका नहीं है.

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महाविकास अघाड़ी का हिस्सा है कांग्रेस 
यहां हम आपको बता दें कि कांग्रेस महाराष्ट्र के 'महाविकास अघाड़ी' का हिस्सा है और उसके पास सरकार के कई प्रमुख मंत्रालय हैं, लेकिन इसके बावजूद भी राहुल गांधी ने कहा है कि हम केवल सरकार को मदद कर रहे हैं और राज्य में प्रमुख भूमिका में नहीं हैं. हालांकि, राहुल गांधी ने राज्य सरकार का बचाव किया और कहा कि मुंबई पूरे देश से जुड़ा हुआ है और यही कारण है कि वहां कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र के अलावा उनकी पार्टी जहां अपनी सरकार चला रही है, वहां वो बेहतर काम कर रही है.

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समीक्षा बैठक में नहीं पहुंचे सीएम ठाकरे
आपको बता दें कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कोविड-19 संकट को लेकर एक समीक्षा बैठक की जिसमें सीएम उद्धव ठाकरे ने हिस्सा नहीं लिया और अपने करीबी विश्वासपात्र मिलिंद नावेर्कर को भेज दिया. कुछ दिनों पहले, कोश्यारी ने उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत द्वारा यूजीसी को लिखे गए एक पत्र पर कड़ी आपत्ति जताई थी, जिसमें अंतिम वर्ष के विश्वविद्यालय परीक्षाओं को रद्द करने की सिफारिश की गई थी, जिसे राज्यपाल ने दिशानिदेर्शों के खिलाफ बताया. इसके बाद सेना सांसद संजय राउत ने राज्यपाल को फोन किया. इसके एक दिन बाद ही ठाकरे ने घोषणा की कि अचानक लागू किया गया लॉकडाउन उचित नहीं था और अब इसे अचानक हटाना लोगों के लिए हानिकारक होगा.