नवाब मलिक का दावा, फर्जी सर्टिफिकेट के दम पर समीर वानखेड़े ने नौकरी हासिल की
महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) ने दावा करा है कि एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के मामले को लेकर एक नया पत्र सामने आया है. इसे एक अज्ञात शख्स ने भेजा है.
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) ने दावा करा है कि एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के मामले को लेकर एक नया पत्र सामने आया है। इसे एक अज्ञात शख्स ने भेजा है। वह खुद को NCB का ही एक कर्मचारी बताता है. इसमें उसने अपने नाम का खुलासा नहीं करा है. नवाब मलिक ने आरोप लगाए है कि समीर वानखेड़े मामले को संगीन बनाने के लिए कई बार रेड में मिली ड्रग्स को अधिक मात्रा में दिखाते हैं. मलिक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए कहा कि उनकी लड़ाई एनसीबी से नहीं है. बीते कई सालों में संस्था पर सवाल खड़ा नहीं हुआ. एक अधिकारी ने फर्जी सर्टिफिकेट के दम पर नौकरी हासिल की. मंत्री ने कहा कि उन्होंने बर्थ सर्टिफिकेट को शेयर किया, लेकिन वे कभी धर्म के नाम पर राजनीति को बढ़ावा नहीं देते हैं.
I have received a letter from an unnamed NCB official. I am sending this letter to DG Narcotics requesting him to include this letter in the investigation being conducted on NCB's Sameer Wankhede. We demand there should be a probe: Maharashtra Minister and NCP leader Nawab Malik pic.twitter.com/1IBzGhV2T1
— ANI (@ANI) October 26, 2021
समीर वानखेड़े ने गरीब का हक मारा
नवाब मलिक ने सवाल किया कि जो व्यक्ति फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर अनुसूचित जाति के जरिए नौकरी पाने की कोशिश करता हो, उसने गरीब का हक तो मारा है. मुंबई में बर्थ सर्टिफिकेट ऑनलाइन देखा जा सकता है. वानखेड़े की बहन का सर्टिफिकेट ऑनलाइन मौजूद है, लेकिन समीर का नहीं है। समीर के पिता जन्म से दलित थे, लेकिन बाद में शादी के बाद धर्म परिर्वतन कर लिया। इसके बाद सभी लोग मुस्लिम धर्म के अनुसार रहे। बाद में नौकरी के लिए दलित का सर्टिफिकेट हासिल किया। अगर ये जाली सर्टिफिकेट है तो समीर वानखेड़े अपना बर्थ सर्टिफिकेट दिखाएं. जब कोई मुस्लिम किसी भी धर्म में परिवर्तन करता है, तो उसका अपना पुराना जाती से कोई संबंध नहीं रहता है। इसके बावजूद आरक्षण का उपयोग करा गया.
मुस्लिम महिला से शादी की थी
नवाब मलिक ने बताया कि ज्ञानेश्वर वानखेड़े अनुसूचित जाति के हैं और उन्होंने मुस्लिम महिला से विवाह किया। उन्होंने मुस्लिम धर्म का ही पालन किया. मुझे लगता है कि यह फर्जी प्रमाण पत्र दिखाकर उन्होंने योग्य अनुसूचित जाति के उम्मीदवार का अधिकार छीना है. प्रभाकर सईल की तरह दूसरे गवाह भी मेरे पास आए हैं. उसने जो जानकारी दी, वैसे ही जानकारी इस पत्र में है. इसलिए मेरा मानना है कि यह NCB से ही आया हुआ खत है.
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