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महामारी की इस जंग में देश को ऑक्सीजन पहुंचा रही हैं नौसेना के वॉरशिप्स

वायु सेना ऑक्सीजन और वैक्सीन एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने में लगी है, थलसेना मिलिट्री अस्पतालों को लोगों के लिए खोल रही है तो वहीं नौसेना विदेशों से ऑक्सीजन की सप्लाई पूरी करने, कंटेनर और सिलेंडर लाने में जुटी हुई है.

Updated on: 13 May 2021, 12:27 AM

highlights

  • भारतीय सेना के तीनों अंग इस मुश्किल की घङी में देश की ताकत बने हुए हैं
  • दुश्मन के छक्के छुड़ाने वाले वॉरशिप अपने देश के नागरिकों की जान बचाने के लिए लगातार फेरे लगा रहे हैं

नई दिल्ली:

भारतीय सेना इस वक्त देश की सांसें थामने में युद्धस्तर पर जुटी हुई है, इस बार सेना हथियारबंद दुश्मन नहीं बल्कि उस अदृश्य शत्रु से लड़ रही है, जिसने हर तरफ कोहराम मचा रखा है. देश पर बुरी नजर डालने वाले दुश्मनों की छुट्टी करने वाले भारतीय सेना के तीनों अंग इस मुश्किल की घङी में देश की ताकत बने हुए हैं. जहां वायु सेना ऑक्सीजन और वैक्सीन एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने में लगी है, थलसेना मिलिट्री अस्पतालों को लोगों के लिए खोल रही है तो वहीं नौसेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है, देश में ऑक्सीजन के लिए मचे हाहाकार के बीच नौसेना विदेशों से ऑक्सीजन की सप्लाई पूरी करने, कंटेनर और सिलेंडर लाने में जुटी हुई है. दुश्मन के छक्के छुड़ाने वाले वॉरशिप अपने देश के नागरिकों की जान बचाने के लिए लगातार फेरे लगा रहे हैं. इसी बीच नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह ने नौसेनिकों और रिटायर्ड कर्मचारियों को अपना संदेश दिया है. उन्होंने नेवी से जुड़े परिवारों पर गर्व जताते हुए कहा है कि हम संगठित तौर पर एक टीम की तरह काम करेंगे और विपरीत परिस्थितयों में भी अपने देश के लिए बेहतरीन काम करके दिखाएंगे.

सेना का 'ऑक्सीजन मिशन' समुद्र में भी

भारतीय नौसेना का जहाज तरकश कतर से 20 मीट्रिक टन का दो ऑक्सीजन कंटेनर और 230 ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर बुधवार को भारत पहुंचा है. ये कंटेनर ऑक्सीजन सॉलिडेरिटी ब्रिज मिशन के तहत कतर के भारतीय समुदाय ने उपहार में दिए हैं. इससे पहले भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस त्रिकंड ने 40 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन देश में पहुंचाया था. ये मदद फ्रांस की सरकार ने की है. अभी आने वाले 2 महीनों में 600 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन के क्रायोजेनिक कंटेनर भी लाए जाएंगे. युद्धपोत ऐरावत ने सिंगापुर से 20 मीट्रिक टन के क्रायोजेनिक कंटेनर विशाखापत्तनम पहुंचाए हैं. वहीं आईएनएस कोलकाता युद्धपोत भी मेडिकल उपकरणों को लेकर आ रहा है.

नौसेना अध्यक्ष ने बढ़ाया हौसला

नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह ने अपने संदेश में कहा है कि देश को हमारी जरूरत है और उसे सहयोग देने के लिए इस वक्त कड़ी मेहनत कर रहे हैं. कोविड 19 का संक्रमण अब गांवों में फैल रहा है, ऐसे में हमारी नेवल यूनिट्स गांवों में जाकर आईएनएस चिल्का की तरह उनकी मदद करेंगी. नौसेना के वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों को संबोधित करते हुए नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि हमारी टीमें न सिर्फ ग्राउंड में बल्कि कुछ नए समाधान तलाशने को लेकर भी काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि इस वक्त ऑक्सीजन रिसाइकिल मॉड्यूल, मल्टी फीड ऑक्सीजन मैनिफोल्ड और रिमोट मॉनिटरिंग सिस्टम पर काम किया जा रहा है, ताकि इससे महामारी के दौरान मदद पहुंचाई जा सके.

नागरिकों की सेवा में लगी नौसेना
नेवी चीफ के मुताबिक नौसेना ने 111 आईसीयू बेड नागरिकों के इस्तेमाल के लिए दिए हैं. 450 बेड्स का एडिशनल सपोर्ट भी तैयार किया गया है. नौसेना के 200 कर्मचारियों को कोविड अस्पतालों में तैनात किया गया है. लगभग 200 नर्सिंग सपोर्ट तैनात किया गया है, जबकि हफ्ते 75 नर्सिंग असिस्टेंस ट्रेनिंग के बाद भेजे जा रहे हैं.