CID के रडार पर सिद्धू को समर्थन करने वाले कुछ कांग्रेस विधायक! कई मामलों में हैं संगीन आरोपी
नए प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (navjot singh sidhu) ने अमृतसर में विधायकों संग एक तरह का शक्ति प्रदर्शन किया. इसमें वह स्वर्ण मंदिर भी गए थे.
highlights
- नवजोत सिंह सिद्धू के साथ स्वर्ण मंदिर गए थे कई विधायक
- इन विधायकों में से कई पर गंभीर आरोप लगे हुए हैं
चंडीगढ़:
नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के बाद से पार्टी दो खेमों में बंटी नजर आ रही है. सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के बीच शह और मात का खेल चल रहा है. बुधवार को सिद्धू कुछ कांग्रेस विधायकों के साथ स्वर्ण मंदिर पहुंचे थे. इसे सिद्धू के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है. अब खबर आ रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू के साथ मंदिर दर्शन पर जो कांग्रेस विधायक गए थे, उसमें से कुछ पंजाब CID के रडार पर हैं. इनमें से कई विधायक ऐसे हैं जिन पर पहले अवैध खनन और अवैध शराब के धंधे में शामिल होने के आरोप लग चुके हैं. बताया जा रहा है कि कुछ विधायकों ने कैप्टन से इस मामले में मदद भी मांगी थी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.
बढ़ सकती है विधायकों को मुसीबतें
सूत्रों का कहना है कि इन विधायकों पर पंजाब सीआईडी की नजर है. सिद्धू के साथ स्वर्ण मंदिर में 48 विधायक पहुंचे थे. इनमें तीन विधायत आम आदमी पार्टी से भी थे. सूत्रों ने बताया है कि कुछ विधायक और कुछ उनके सहयोगी जो कि सिद्धू के साथ थे उनपर कई गंभीर आरोप हैं. जानकारी के मुताबिक, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इन नेताओं के बारे में उस तीन सदस्यों के पैनल को भी बताय था, जिसे कांग्रेस हाइकमान ने पंजाब कांग्रेस संकट खत्म करने के लिए बनाया था. CID की नजर जिन विधायकों पर है, उनमें से एक होशियारपुर इलाके के हैं. उनको अवैध खनन का आरोप है, जिसके लिए दिसंबर 2020 में उनको 1.65 करोड़ का नोटिस भेजा गया था.
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कल होगी सिद्धू की ताजपोशी
दूसरी तरफ पंजाब प्रदेश के नए कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और चार पीसीसी कार्यकारी अध्यक्ष की ओर से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amrinder Singh) के साथ विवाद सुलझाने की कोशिश शुरू कर दी गई है. सिद्धू शुक्रवार के कार्यक्रम के लिए कैप्टन अमरिंदर को आमंत्रित करेंगे जब वह औपचारिक रूप से पीसीसी प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालेंगे. सिद्धू मौजूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ की जगह लेंगे. सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच पिछले कुछ समय से तकरार चल रही है. अमृतसर (पूर्व) के विधायक ने हाल में मुख्यमंत्री पर बेअदबी के मामलों को लेकर निशाना साधा था.
मुख्यमंत्री राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में सिद्धू की नियुक्ति के भी खिलाफ थे. सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि वह उनसे तब तक नहीं मिलेंगे जब तक कि सिद्धू उनके खिलाफ अपने अपमानजनक ट्वीट के लिए माफी नहीं मांगते हैं. पार्टी के एक नेता ने बुधवार को अमृतसर में संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री से कार्यक्रम में शामिल होने का अनुरोध किया जाएगा.
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बनाए चार कार्यकारी अध्यक्ष
अगले साल पंजाब (punjab) में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए चार वर्किंग प्रेसिडेंट (कार्यकारी अध्यक्ष) भी बनाए गए हैं. इसके लिए केसी वेणुगोपाल की तरफ से पत्र जारी किया गया. पत्र में लिखा था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह फैसला लिया. जिन लोगों को पंजाब में पार्टी का वर्किंग प्रेसिडेंट बनाया गया है उसमें संगत सिंह, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल और कुलजीत सिंह नागरा का नाम शामिल है. सूत्रों ने बताया कि प्रदेश इकाई के नवनियुक्त प्रमुख और चार कार्यकारी अध्यक्षों की ओर से मुख्यमंत्री को न्योता भेजा जाना तय है. अध्यक्ष बनाए जाने के बाद सिद्धू सबसे पहले पटियाला पहुंचे. यहीं सिद्धू का घर भी है. पटियाला पहुंचने के बाद सिद्धू ने सबसे पहले यहां के दुखनिवारण साहिब गुरुद्वारा पर मत्था टेका. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की तरफ से 18 जुलाई को जारी पत्र में वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ का अब तक के काम के लिए धन्यवाद किया गया. साथ ही बताया गया कि कुलजीत सिंह नागरा जो कि अभी सिक्किम, त्रिपुरा और नागालैंड के AICC इंचार्ज हैं, वह अब इस पद से मुक्त हो जाएंगे.
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