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कैप्टन को 'क्लीन बोल्ड' करने पर भी 'हिट विकेट' होते दिख रहे सिद्धू

गौरतलब है कि सिद्धू सुखविंदर सिंह रंधावा को सीएम बनवाना चाहते थे, जिन्होंने उन्हें पंजाब कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष बनाने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी.

Updated on: 20 Sep 2021, 07:03 AM

highlights

  • चन्नी के सीएम बनने से सिद्धू का दांव पड़ा उलटा
  • कैप्टन विरोधी चन्नी सिद्धू खेमे के भी सगे नहीं
  • चुनाव में हार का ठीकरा भी सिद्धू के सिर फूटेगा

नई दिल्ली:

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amrinder Singh) के खिलाफ कई सालों से मोर्चा खोले बैठे नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) अंततः उन्हें क्लीन बोल्ड करने में सफल हो गए. यह अलग बात है कि अब उनके हिट विकेट होने की आशंका कई कारणों से बढ़ गई है. पहली वजह तो यही है कि यदि अगले साल के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी, तो इसका ठीकरा उन पर ही फूटना तय है. दूसरे सिद्धू सीएम पद की लालसा पाले बैठे थे, लेकिन आलाकमान ने रामदसिया सिख चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को कमान सौंप उस पर पानी फेर दिया है. चन्नी भी कैप्टन विरोधी माने जाते हैं, लेकिन वह सिद्धू खेमे के भी नहीं हैं. गौरतलब है कि सिद्धू सुखविंदर सिंह रंधावा को सीएम बनवाना चाहते थे, जिन्होंने उन्हें पंजाब कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष बनाने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी.

चन्नी का उभार सिद्धू के खिलाफ
इस लिहाज से देखें तो नवजोत सिंह सिद्धू की रणनीति सफल होते नहीं दिख रही है. कांग्रेस आलाकमान ने जरूर एक तीर से कई निशाने साध लिए हैं, जिसमें से एक तीर तलवार बनकर अब सिद्धू के सिर लटक रहा है. बताते हैं कि कैप्टन ने रार को खत्म करने के लिए सिद्धू को डिप्टी सीएम का पद ऑफर किया था, जिसे उन्होंने खारिज कर दिया था. कैप्टन के इस्तीफे के बाद सिद्धू को उम्मीद थी कि राहुल-प्रियंका से नजदीकी उन्हें सीएम पद तक पहुंचा देगी, लेकिन राजनीति में बेहद अप्रत्याशित फैसला कर कांग्रेस आलाकमान ने चन्नी पर दांव खेल दिया. जाहिर है जाट सिख या हिंदू के बजाय एक दलित को कमान सौंप कांग्रेस नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव में अपनी उम्मीदें बनाए रखी हैं. राज्य में 30 फीसदी दलित हैं. ऐसे में चन्नी को आपसी गुटबाजी से निपटने और जातीय समीकरणों को साधने के लिहाज से आगे बढ़ाया है. चन्नी का उभार भी सिद्धू के खिलाफ ही जाता दिख रहा है.

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चुनाव में हार का ठीकरा उनके सिर फूटना तय
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि नवजोत सिंह सिद्धू के लिए अब सीएम पद पर दोबारा दावा करना आसान नहीं रहेगा. दलित कार्ड खेल कर कांग्रेस ने तगड़ा दांव मारा है. यदि पंजाब में कांग्रेस की सरकार वापस आती है तो इसका श्रेय चरणजीत सिंह चन्नी को ही जाएगा. यदि जैसी आशंका जताई जा रही है अगर कांग्रेस की हार होती है तो इसका ठीकरा सिद्धू पर ही फूटेगा. इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि उनके भारी विरोध के चलते ही कैप्टन की विदाई हुई है. साफ है कि नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में कैप्टन को क्लीन बोल्ड कराने के बावजूद खुद हिट विकेट होते दिख रहे हैं.