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नवजोत सिंह सिद्धू ने फिर दिया विवादित बयान, कांग्रेस को आया पसीना

भारत-पाक के बीच बढ़े हुए तनाव (India Pakistan Tension) के बीच नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot singh sidhu) ने एक बार अपने बयान से विवाद खड़ा कर लिया है.

Updated on: 01 Mar 2019, 02:09 PM

नई दिल्‍ली:

भारत-पाक के बीच बढ़े हुए तनाव (India Pakistan Tension) के बीच नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot singh sidhu)  ने एक बार अपने बयान से विवाद खड़ा कर लिया है. 'गुरु' सिद्धू एक बार फिर अपने 'दिलदार यार' इमरान खान की तारफ में कसीदें पढ़ने लगे. पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा करने की घोषणा के बाद सिद्धू ने पहले इमरान तारीफ में ट्वीट किया. उन्होंने दो पेजों की शांति अपील जारी की, लेकिन इसमें पाकिस्‍तान प्रायोजित आतंकवाद की चर्चा तक नहीं की है. सिद्धू के इस बयान के बाद कांग्रेस को पसीने आ गए, आनन-फानन में कांग्रेस ने सिद्धू के बयान से पल्‍ला झाड़ लिया.

सिद्धू ने विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई के लिए इमरान खान का धन्यवाद भी किया और ट्वीट कर उनकी जमकर तारीफ की. इसके बाद मुश्‍किल में आई कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने उनके बयान से पल्ला झाड़ते हुए इसे उनकी निजी राय बताया है. उन्होंने कहा कि मौजूदा माहौल में पार्टी पाक से बातचीत के पक्ष में नहीं है.

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सिद्धू ने अपने बयान में कहा है कि मैं उन नेताओं के खिलाफ खड़ा हूं जो मतभेदों का गला घोंटने पर तुले हैं. बहस को शांत कराने के लिए साइबर सेना और गुंडों की बैसाखी के सहारे राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने ऐसा तब कहा है जब पूरा देश इस समय पाकिस्तान व उसके द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है. सिद्धू ने दो पेजों की अपील जारी कर डर के खिलाफ खड़े होने की वकालत की है.

इससे पहले भी जब पुलवामा में हमला हुआ था तो उन्होंने विवादित बयान देकर हंगामा करवा दिया था. उस समय सिद्धू ने कहा था कि आतंकवाद का कोई देश नहीं होता और कुछ लोगों की करतूत के लिए किसी देश को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है.

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अपनी अपील में उन्होंने कहा, "सच्चा देशभक्त वही है जो डर के खिलाफ खड़ा होता है. मैं उस डर के खिलाफ खड़ा हूं जिसने आज कई लोगों को शांत कर रखा है. मैं उन नेताओं के खिलाफ खड़ा हूं जो मतभेदों का गला घोंटने पर तुले हैं और बहस को शांत कराने के लिए साइबर सेना और गुंडों की बैसाखी के सहारे राजनीति कर रहे हैं"

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सिद्धू ने आगे लिखा है कि पिछले कुछ वर्षों में हमारे बीच एक अनचाहा डर पैर जमा रहा है. यह डर है आतंक का, मौत का, असुरक्षा का, एक अनचाहे असुरक्षा के भाव का. देश में कुछ लोगों के लिए अब डरने की कोई वजह नहीं बची है क्योंकि उनका डर अब हकीकत का रूप ले चुका है. शहीदों के परीवारों के चेहरों पर भी मैंने उस डर को देखा और महसूस किया है. दूसरों को हानि पहुंचाने की बात सोचना आसान है, लेकिन यह सोच हमें सुरक्षित नहीं कर सकती है.

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सिद्धू ने स्वयं को स्वतंत्रता सेनानी का बेटा बताते हुए कहा है कि वह अपने देश के साथ खड़े हैं. उन्होंने अपील में कहा है, 'मेरी देशभक्ति की पहचान मेरा साहस है, जो इस डर के खिलाफ सीना ताने खड़ा है. यह वो डर जिसकी वजह से आज कई लोग चुप्पी साधे हैं. '

सिद्धू कहते हैं, इसका एक विकल्प है और वो विकल्प है साहस. अब हमें चयन करना है कि हम सच्चे देशभक्त बनें या चुप्पी साधे रहें? इसी क्रम में उन्‍होंने गौरी लंकेश, रोहित वेमुला, गोविंद पंसारे, एमएम कलबुर्गी, एएसआइ रविंद्र सिंह और नजीब जैसे लोगों की उदाहरण दिया है. वह कहते हैं, पिछले कुछ वर्षों से एक अनचाहा डर हमारे बीच पैर जमा रहा है. लेकिन आप एक बार साहस कर के देखिए, यह आपके आस पास के लोगों में भी फैलेगा. क्योंकि साहस संक्रमण की तरह होता है और तीव्र गति से फैलता है.