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राष्ट्रवाद का नारा काली करतूत छिपाने के लिए, कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित का खाकी वर्दी पर आरोप

'जितनी भ्रष्ट संस्था, उतनी ही ज्यादा वह राष्ट्रवाद की बात करेगी. जब कोई पुलिस-फौज ऐसे नारे लगाए, तो समझ लो कि कोई न कोई काली करतूत वह छिपा रही है.'

Updated on: 27 Dec 2019, 12:23 PM

highlights

  • कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने पुलिस-फौज को लेकर दिया उकसावेपूर्ण बयान.
  • उनके मुताबिक आधे से ज्यादा पुलिस भ्रष्ट है और निष्पक्ष कार्रवाई नहीं करती.
  • साथ ही कहा-जो जितना भ्रष्ट, उतना ही बड़ा राष्ट्रवादी दिखाने की कोशिश में.

नई दिल्ली:

नागरिकता कानून के खिलाफ उत्तेजक और भ्रामक बयानों से आमजन खासकर मुसलमानों को गुमराह करने के बाद कांग्रेसी नेताओं के बिगड़े बोल अभी भी सुधरे नहीं हैं. अब कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने पुलिस और फौज को लेकर विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि जब कोई पुलिस-फौज ऐसे नारे लगाए, तो समझ लो कि कोई न कोई काली करतूत वह छिपा रही है. संदीप दीक्षित का यह तीखा और उकसावेपूर्ण बयान मुजफ्फरनगर में मुसलमानों के खिलाफ पुलिस की कथित दमनकारी कार्रवाई के संदर्भ में आया है.

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पुलिस है भ्रष्ट
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित वास्तव में उन रिपोर्ट्स पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिनमें कहा गया था कि मुजफ्फरनगर में पुलिस ने एक मुस्लिम परिवार के साथ न सिर्फ ज्यादिती की, बल्कि घर में तोड़-फोड़ कर धर्म पर कटाक्ष किए. इस रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने उस मुस्लिम परिवार से कहा-तुम्हारे पास दो ही जगह हैं. पाकिस्तान या कब्रिस्तान. इस पर संदीप दीक्षित ने कहा कि आधे से ज्यादा पुलिस तो भ्रष्ट है. वह अपना भ्रष्टाचार कैसे मिटाए, तो वह राष्ट्रवादी टाइप के नारों का सहारा लेती है.

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जो जितना भ्रष्ट, उतना बड़ा राष्ट्रवादी
संदीप दीक्षित ने इसके बाद एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा, दिखाओ कि हम ऐसा काम करते हैं, जिसमें सवाल न पूछे जाएं. जितनी भ्रष्ट संस्था, उतनी ही ज्यादा वह राष्ट्रवाद की बात करेगी. जब कोई पुलिस-फौज ऐसे नारे लगाए, तो समझ लो कि कोई न कोई काली करतूत वह छिपा रही है. हालांकि संदीप दीक्षित के इस बयान पर पुलिस समेत नेताओं की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई, तो उन्होंने स्पष्टीकरण भी जारी कर दिया. इसमें उन्होंने अपने विवादास्पद बयान पर लीपा-पोती करने की कोशिश की.

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नेता-प्रशासनिक अधिकारी आमजन के प्रति जवाबदेह
उन्होंने विवाद को कम करने के लिए कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि सभी पुलिस भ्रष्ट है. उन्होंने कहा, 'मैंने कहा था कि अधिकांश (पुलिस) भ्रष्ट है. मैंने यह कभी नहीं कहा कि सभी भ्रष्ट हैं. सच तो यह है कि नेता आमजन के प्रति जवाबदेह होते हैं. ठीक उसी तरह प्रशासनिक अधिकारी भी आमजन के प्रति जवाबदेह हैं. जब पुलिस निष्पक्षता के साथ काम नहीं करती है, तो लोगों को लगता है कि पुलिस संविधान के तहत अपनी जिम्मेदारियों को अच्छे और निष्पक्ष तरीके से नहीं निभा रही है.'