राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में इस्लामिक स्टेट (आईएस) साजिश मामले में नौ लोगों के खिलाफ अपना पहला पूरक आरोप पत्र दाखिल कर दिया।
एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि मोहम्मद शारिक, माज मुनीर अहमद, सैयद यासीन, रीशान थाजुद्दीन शेख, हुजैर फरहान बेग, माजिन अब्दुल रहमान, नदीम अहमद केए, जबीउल्ला और नदीम फैजल पर यूएपीए एक्ट 1967, आईपीसी और संपत्ति को नुक्सान पहुंचाने के राज्य अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं।
अधिकारी ने कहा, आरोपियों ने शिवमोग्गा में आईईडी विस्फोट का ट्रायल किया था, इसके अलावा कई ठिकानों की टोह ली थी और लोगों के बीच आतंक और हिंसा की घटनाओं को अंजाम देने की साजिश के तहत दहशत फैलाने के लिए संपत्तियों और वाहनों में आगजनी की थी।
एनआईए ने कहा कि माज़ मुनीर अहमद और सैयद यासीन पर इससे पहले मार्च में भी आरोपपत्र दायर किया गया था।
नौ में से माज़ मुनीर अहमद, सैयद यासीन, रीशान थाजुद्दीन शेख, माजिन अब्दुल रहमान और नदीम अहमद ने मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है।
उन्हें उनके विदेश स्थित आईएस हैंडलर ने भारत के लिए चरमपंथी समूह के एजेंडे के रूप में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए कौशल हासिल करने को कहा था।
एनआईए की जांच से पता चला है कि मोहम्मद शारिक, माज़ मुनीर अहमद और सैयद यासीन ने आतंकवादी समूह के निर्देशों पर आतंक और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए विदेश स्थित आईएस गुर्गों के साथ मिलकर एक आपराधिक साजिश रची थी।
एनआईए अधिकारी ने कहा कि तीनों ने राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की एकता और संप्रभुता को खतरे में डालने के इरादे से सह-आरोपियों को सक्रिय रूप से कट्टरपंथी बनाया और भर्ती किया था।
एनआईए की जांच में यह भी पता चला कि उनके ऑनलाइन हैंडलर ने क्रिप्टो करेंसी से आरोपियों को वित्त पोषित किया था।
मामला शुरू में 19 सितंबर, 2022 को शिवमोग्गा ग्रामीण पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था। एनआईए ने 15 नवंबर, 2022 को इसे अपने हाथ में ले लिया।
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Source : IANS