राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छह अवैध बांग्लादेशियों प्रवासियों सहित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जेएमबी के 10 सक्रिय सदस्यों की गिरफ्तारी के मामले में शुक्रवार को विशेष एनआईए अदालत में पूरक आरोप पत्र (सप्लीमेंट्री चार्जशीट) दाखिल किया।
आरोपी अली असगर उर्फ अब्दुल्ला बिहारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था।
शुरूआत में मामला 14 मार्च, 2022 को पुलिस स्टेशन एसटीएफ में दर्ज किया गया था, और बाद में मामले की जांच एनआईए ने अपने हाथ में ले ली थी। एनआईए ने इससे पहले 7 सितंबर को छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।
एनआईए ने कहा- जांच से पता चला है कि आरोपी, अली असगर उर्फ अब्दुल्ला बिहारी भारत में अपनी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के इरादे से भारतीय उपमहाद्वीप में जेएमबी और अल कायदा जैसे विभिन्न अभियुक्त आतंकवादी संगठनों की विचारधारा से गहराई से प्रभावित था। उसने अपने सहयोगियों के साथ भारतीय मुसलमानों को भारतीय राज्य के खिलाफ हिंसक जिहाद की तैयारी के लिए प्रभावित करने, कट्टरपंथी बनाने और प्रेरित करने के लिए एक आपराधिक साजिश रची। उक्त आपराधिक षडयंत्र के अनुसरण में अभियुक्त अली असगर ने जिहादी साहित्य का उर्दू/अरबी से हिंदी में अनुवाद किया और प्रभावशाली मुसलमानों के बीच इसे प्रसारित करने के लिए इसे सोशल मीडिया समूहों पर अपलोड किया।
राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी एजेंसी को पता चला है कि आरोपी झूठे और विकृत उपदेशों के माध्यम से भारत के खिलाफ असंतोष पैदा करने में शामिल था कि लोकतंत्र इस्लाम विरोधी है और लोकतंत्र के कारण भारत में मुसलमानों को सताया जा रहा।
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Source : IANS