राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर आतंकी साजिश मामले में 25 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया।
एनआईए के अनुसार, मामला लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश -ए-मोहम्मद (जेईएम), हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम), अल-बद्र, द रेसिस्टेंस फ्रंट जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के कैडरों द्वारा जम्मू-कश्मीर और देश के अन्य हिस्सों में आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए साइबर स्पेस सहित साजिश रचने से संबंधित है।
आरोपियों की पहचान बशीर अहमद पीर उर्फइम्तियाज आलम, इम्तियाज कुंडू उर्फ फैयाज सोपोर, बिलाल अहमद मीर उर्फ बिलाल फाफू, ओवैस अहमद डार, तारिक अहमद डार, तारिक अहमद बफांडा, मोहम्मद हनीफ चैरालू, हनान गुलजार डार, मतीन अहमद भट ,कामरान अशरफ रेशी, रयद बशीर, मोहम्मद मनन डार, जमीं आदिल भट, हरीस निसार लंगू, रौफ अहमद भट, सोबिया अजीज मीर, अमीर अहमद गोजरी, सादात अमीन मलिक, इश्फाक अमीन वानी, राशिद मुजफ्फर गनई, नशीर अहमद मीर, इरफान तारिक अंतू , सुहैल अहमद ठोकर, आदिल अहमद वार और आरिफ फारूक भट के रूप में हुई है।
एनआईए ने कहा, साइबर स्पेस में विभिन्न वेबसाइटों, ब्लॉगों, सोशल मीडिया हैंडल, एन्क्रिप्टेड संचार प्लेटफार्मों पर बंद चैनलों आदि के माध्यम से एक सुव्यवस्थित प्रचार तंत्र काम कर रहा था, जिसमें युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए मनगढ़ंत कहानी पेश की गई थी।
एनआईए ने कहा कि जांच से यह भी पता चला है कि अल्पसंख्यकों, नागरिकों, प्रवासियों, सरकारी अधिकारियों और सुरक्षा कर्मियों की लक्षित हत्याओं की दिशा में आतंकवादी संगठनों की रणनीति में स्पष्ट बदलाव आया है।
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Source : IANS