राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने तीन लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही मध्यप्रदेश पुलिस के एंटी टेररिस्ट स्क्वैड (एटीएस) के साथ संयुक्त अभियान में आईएसआईएस से जुड़े एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने का दावा किया है।
एक आधिकारिक प्रेस नोट के अनुसार, केंद्रीय एजेंसी ने मध्यप्रदेश पुलिस की एटीएस टीम के साथ 26 और 27 मई की दरम्यानी रात भोपाल से लगभग 300 किलोमीटर दूर जबलपुर जिले में 13 स्थानों पर छापेमारी की।
प्रेस नोट में आगे कहा गया है, गिरफ्तार किए गए तीन लोगों की पहचान सैयद ममूर अली, मोहम्मद आदिल खान और मोहम्मद शाहिद के रूप में हुई है। तलाशी के दौरान भारी मात्रा में धारदार हथियार, गोला-बारूद (निषिद्ध बोर सहित), आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण भी जब्त किए गए।
एनआईए ने जांच के दौरान पाया कि मोहम्मद आदिल खान द्वारा आईएसआईएस समर्थक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा था, जो अगस्त 2022 में एजेंसी के संज्ञान में आया था। इसके बाद 24 मई को जांच के बाद मामला दर्ज किया गया था।
एनआईए के प्रेस नोट में कहा गया है, पता चला है कि मोहम्मद आदिल खान और उसके सहयोगी आईएसआईएस के कहने पर भारत में हिंसक आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मो के साथ-साथ जमीनी दावा कार्यक्रमों के माध्यम से आईएसआईएस के प्रचार-प्रसार में शामिल थे। मॉड्यूल के सदस्य स्थानीय मस्जिदों और घरों में बैठकें करते थे और देश में आतंक फैलाने की योजना और साजिश रचते थे।
आगे जांच से पता चला कि तीनों आरोपी चरम कट्टरपंथी हैं और हिंसक जिहाद को अंजाम देने के लिए फंड इकट्ठा करने, आईएसआईएस प्रचार सामग्री का प्रसार करने, युवाओं को प्रेरित करने और भर्ती करने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के उद्देश्य से हथियार और गोला-बारूद खरीदने की कोशिश में लगे हुए थे।
प्रेस नोट के मुताबिक, सैयद मामूर अली ने फिसाबिलिल्लाह के नाम से एक स्थानीय समूह (तंजीम) बनाया था और उसी नाम से एक व्हाट्सएप समूह भी संचालित कर रहा था। वह पिस्तौल खरीदने के लिए जबलपुर में मौजूद अपने सहयोगियों के संपर्क में था।
एक कट्टर आईएसआईएस समर्थक आदिल ने जबलपुर में समान विचारधारा वाले कट्टरपंथी व्यक्तियों का सक्रिय समूह बनाने में कामयाबी हासिल की थी। एनआईए की जांच के अनुसार, मॉड्यूल के कुछ सदस्य पहले से ही हिजरत (उड़ान) पर विचार कर रहे थे, जबकि अन्य की भारत में ही रहकर हिंसक जिहाद को अंजाम देने के लिए एक स्थानीय संगठन बनाने की योजना थी।
एनआईए ने कहा, आदिल युवाओं को आईएसआईएस में शामिल करने के लिए प्रेरित करने और भर्ती करने के लिए कई यूट्यूब, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप चैनल भी चला रहा था। जांच से पता चला कि शाहिद ने पिस्तौल सहित कई अवैध हथियार और यहां तक कि आईईडी व ग्रेनेड भी खरीदने की योजना बनाई थी।
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Source : IANS