राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने टेरर फंडिंग मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ठिकानों पर शनिवार सुबह छापेमारी की।
सूत्रों ने कहा कि एनआईए ने राजस्थान में सात स्थानों पर पीएफआई सदस्यों के घरों पर छापा मारा और इसके कई सदस्यों को गिरफ्तार किया। छापेमारी के दौरान डिजिटल उपकरण, एयरगन, धारदार हथियार और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए की जांच जयपुर, बूंदी, सवाई माधोपुर और कोटा में चल रही है। एजेंसी ने कोटा में तीन जगहों पर छापेमारी की, इसके आलावा जयपुर, सवाई माधोपुर, बूंदी और भीलवाड़ा में भी छापेमारी की गई है।
एनआईए ने शनिवार तड़के भीलवाड़ा के गुलनगरी निवासी इमरान रंगरेज के घर पर छापा मारा। रंगरेज एसडीपीआई का सामाजिक कार्यकर्ता है और पीएफआई का पूर्व कार्यकर्ता भी है। हालांकि एनआईए की टीम ने इस संबंध में स्थानीय पुलिस को कोई इनपुट नहीं दिया।
सूत्रों ने बताया कि एनआईए की टीम शनिवार सुबह कोटा पहुंची और रामपुरा थाना क्षेत्र में छापेमारी की। एनआईए सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व में राजस्थान में की गई छापेमारी में बारां निवासी आरोपी सादिक सराफ और मोहम्मद आसिफ को गिरफ्तार किया गया था।
एनआईए के एक सूत्र ने कहा, वे पीएफआई के लिए काम कर रहे थे और संगठन में वरिष्ठ पद पर थे। हाल ही में हमने उन आरोपियों का बयान दर्ज किया जिन्होंने हमें उनके बारे में बताया। हमने सबूत भी जुटाए हैं, जिसके बाद छापेमारी की गई।
यह मामला विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी से जुड़ा है कि सराफ और आसिफ अन्य पीएफआई सदस्यों और कैडरों के साथ कोटा जिले में गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल थे।
एनआईए ने 19 सितंबर 2022 को शुरू में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था। इसके बाद एनआईए ने पीएफआई सदस्यों के संदिग्ध आवासीय और व्यावसायिक परिसरों में छापेमारी की थी।
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Source : IANS