twitter सुधारे अपना दोहरा रूखःभारत सरकार
किसान आंदालन पर ट्विटर के रूख को लेकर सरकार ने कहा कि ट्विटर को भारतीय संसद के बनाए गए कानूनों का भी पालन करना चाहिए.
highlights
- भारत सरकार ने अमेरिका के कैपिटल हिल और भारत के लाल किले की घटना में ट्विटर के अलग-अलग रवैये को लेकर नाराजगी जताई.
- भारत में बिजनेस करने के लिए ट्विटर का स्वागत हैं
- भारत में बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी की सुरक्षा का एक मजबूत तंत्र है.
नई दिल्ली:
किसान आंदोलन में माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर की भूमिका को लेकर भारत सरकार और ट्विटर के बीच एक अहम वार्ता हुई. यह बातचीत बुधवार देर शाम को हुई. इस बातचीत से पहले भारत सरकार की तरफ से ट्विटर को कहा गया था कि वो किसान आंदोलन को लेकर आपत्तिजनक ट्वीट करने वाले हैंड्ल्स को ब्लॉक करे. लेकिन ट्विटर ने कुछ हैंडल्स पर ही कार्रवाई करते हुए कहा था कि ट्वीट होते रहने चाहिए. अब इस मामले को लेकर ट्विटर के अधिकारियों और लीगल टीम के साथ भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने जो अहम बैठक की है उसमें ट्विटर को कहा गया है कि उसे भारतीय कानून और लोकतांत्रिक संस्थानों का सम्मान करना चाहिए. साथ ही, भारत सरकार ने अमेरिका के कैपिटल हिल और भारत के लाल किले की घटना में ट्विटर के अलग-अलग रवैये को लेकर भी नाराजगी जताई.
गौरतलब कि अमरीका में कैपिटल हिल हिंसा के बाद ट्विटर ने एक्शन लिया था, वैसे लाल किले में जो कुछ हुआ उसके बाद नहीं लिया गया. साथ ही इस बातचीत में सरकार ने ट्विटर अधिकारियों को टूलकिट को लेकर भी जानकारी दी. जिसमें बताया गया कि कैसे विदेश में आंदोलन को लेकर एक मजबूत प्लानिंग की गई थी. इसीलिए ट्विटर को भारत के खिलाफ आयोजित ऐसे कैंपेन के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
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भारत सरकार ने ट्विटर के अधिकारियों से सीधी सपाट भाषा में कहा कि वह भारत के कानूनों का समुचित सम्मान करें. मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ट्विटर के आग्रह पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव ने ट्विटर के ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी के वॉइस प्रेसिडेंट मोनिक मेक (Monique Meche) और जिम बेकर (Jim Baker) डिप्टी जनरल कॉन्सल और वॉइस प्रेसिडेंट लीगल के साथ एक वर्चुअल बातचीत की. भारत सरकार ने ट्विटर से #FarmerGenocide से जुड़े हुए अकाउंट्स और पाकिस्तान समर्थकों के अकाउंट्स को हटाने के लिए कहा था. जिसे लेकर ये बातचीत हुई.
एक न्यूज वेबसाइट के अनुसार, इस बातचीत के दौरान मंत्रालय के सचिव ने ट्विटर अधिकारियों को बताया कि भारत में स्वतंत्रता और आलोचना को महत्व दिया जाता है. क्योंकि ये हमारे लोकतंत्र का एक हिस्सा हैं. भारत में बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी की सुरक्षा का एक मजबूत तंत्र है, जिसका उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 19 (1) के तहत मौलिक अधिकारों के रूप में समझाया गया है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के भी कई फैसलों में इसे देखा जा सकता है. सरकार की तरफ से ट्विटर को कहा गया कि, भारत में बिजनेस करने के लिए ट्विटर का स्वागत करते हैं, बिजनेस के लिए बनाए गए अनुकूल माहौल, ओपन इंटरनेट और अभिव्यक्ति की आजादी के लिए प्रतिबद्धता भारत में पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ी है. बयान में आगे कहा गया कि, ट्विटर को भारत में बतौर बिजनेस कंपनी देश के कानूनों और लोकतांत्रिक संस्थाओं का सम्मान करना चाहिए. ट्विटर अपने खुद के नियम और गाइडलाइन बनाने के लिए स्वतंत्र है. जैसा कि हर दूसरी कंपनियां करती हैं, लेकिन इन गाइडलाइन के अलावा ट्विटर को भारतीय संसद के बनाए गए कानूनों का भी पालन करना चाहिए. भारत सरकार ने ट्विटर को याद दिलाया कि #FarmerGenocide हैशटैग का इस्तेमाल करने वाले लोगों के खिलाफ जब एक्शन के लिए कहा गया तो, ट्विटर ने इस पर एक्शन नहीं लिया. इसे लेकर सरकार ने भारी नाराजगी जताई.
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सरकार की ओर से कहा गया कि इस वक्त जब कोई भी बाहरी तत्व भड़काऊ चीजें पोस्ट कर गलत सूचनाएं फैलाने का काम करता है और #FarmerGenocide जैसे शब्दों का इस्तेमाल करता है तो ये न तो पत्रकारिता की स्वतंत्रता है और न ही ये आर्टिकल 19 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत आता है.
इस दौरान ध्यान देने की बात है कि सरकार द्वारा नाराजगी जताने के बावजूद ट्विटर ने अपने एक ब्लॉग में कहा है कि सरकार के निर्देश पर उसने कुछ अकाउंट बंद तो किए हैं, लेकिन मीडिया के ट्विटर हैंडल, पत्रकारोंए एक्टिविस्ट और नेताओं के अकाउंट बंद नहीं किए गए हैं क्योंकि ऐसा करने से उनके बोलने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होता. इसके जवाब में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने स्वदेशी माइक्रोब्लॉगिंग साइट कू पर पोस्ट ब्लॉग में कहा है कि ट्विटर द्वारा ब्लॉग पोस्ट किया जाना आसामान्य है. मंत्रालय ने कहा है कि सरकार जल्द ही अपना जवाब देगी. बता दें कि कू भी ट्विटर की तरह माइक्रोब्लॉगिंग साइट है और उसे ट्विटर का विकल्प माना जा रहा है.
ट्विटर ने कहा कि उसने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सभी आदेशों के तहत 500 से अधिक अकाउंट पर कार्रवाई की है.इनमें ट्विटर के नियमों का उल्लंघन करने पर अकाउंट को स्थाई रूप से बंद करने का कदम भी शामिल है.
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