भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए सहकारिता क्षेत्र पूरा जोर लगा देगी, बोले शाह
केंद्रीय गृहमंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि गरीब कल्याण और अंत्योदय इसकी कल्पना सहकारिता के अलावा हो ही नहीं सकती है. देश में सबसे पहले विकास की जब बात होती थी तब सबसे पहले अंत्योदय की बात जिन्होंने की वो पंडित दीनदयाल जी थे.
highlights
- अमित शाह ने सहकारिता सम्मेलन को किया संबोधित
- देश के विकास में सहकारिता कैसे कर सकती है मदद इसके बारे में बताया
- सहकारिता क्षेत्र अर्थव्यस्था को मजबूत करने में एड़ी चोट लगा देगा, बोले शाह
नई दिल्ली :
भारत के पहले सहकारिता सम्मेलन (Cooperative Conference) का आयोजन आज (25 सितंबर) नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में हुआ. सहकार से समृद्धि के लक्ष्य को रखकर बनाए गए सहकारिता मंत्रालय के पहले समागम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) सहकारिता से जुड़े लोगों को संबोधित किया. बता दें कि अमित शाह सहकारिता मंत्रालय के पहले सहकारिता मंत्री भी हैं. अमित शाह ने अपना संबोधन पंडित दीनदयाल को याद करते हुए किया. उन्होंने कहा कि आज मेरी शुरुआत पंडित दीनदयाल जी की जन्म जयंती से करना चाहूंगा, क्योंकि मेरे जैसे कई कार्यकर्ताओं का सहकार में आने की प्रेरणा का मूल स्थान दीनदयाल जी की अंत्योदय की नीति है.
केंद्रीय गृहमंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि गरीब कल्याण और अंत्योदय इसकी कल्पना सहकारिता के अलावा हो ही नहीं सकती है. देश में सबसे पहले विकास की जब बात होती थी तब सबसे पहले अंत्योदय की बात जिन्होंने की वो पंडित दीनदयाल जी थे.
प्रधानमंत्री जी ने स्वतंत्र सहकारिता मंत्रालय बनाया, इसके लिए धन्यवाद
उन्होंने आगे कहा कि आजादी के 75 वर्ष के बाद और ऐसे समय पर जब सहकारिता आंदोलन को सबसे ज्यादा जरूरत थी तब देश के प्रधानमंत्री जी ने स्वतंत्र सहकारिता मंत्रालय बनाया, मैं आप सभी की ओर से उनको बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं.
देश के विकास में सहकारिता अहम रोल निभाएगी
अमित शाह ने कहा, 'देश के विकास के अंदर सहकारिता बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है. देश के विकास के अंदर सहकारिता का योगदान आज भी है. हमें नए सिरे से सोचना पड़ेगा, नए सिरे से रेखांकित करना पड़ेगा, काम का दायरा बढ़ाना पड़ेगा, पारदर्शिता लानी पड़ेगी.'
देश को समृद्ध बनाना, यही सहकार की भूमिका होती है
केंद्रीय मंत्री सम्मेलन को संबोधित करते हुए आगे कहा, 'सहकारिता आंदोलन सबसे ज्यादा प्रासंगिक है, तो आज ही के दिनों में है. हर गांव को कॉ-ऑपरेटिव के साथ जोड़कर, सहकार से समृद्धि के मंत्र साथ हर गांव को समृद्ध बनाना और उसके बाद देश को समृद्ध बनाना, यही सहकार की भूमिका होती है.'
5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी को पूरा करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा देगी
उन्होंने आगे कहा कि मोदी जी ने एक मंत्र दिया है- सहकार से समृद्धि तक. मैं आज मोदी जी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सहकारिता क्षेत्र भी आपके 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी को पूरा करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा देगी.
91% गांव में सहकारिता संस्था काम करती है
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि सहकारिता आंदोलन भारत के ग्रामीण समाज की प्रगति भी करेगा और नई सामाजिक पूंजी का कंसेप्ट भी तैयार करेगा. भारत की जनता के स्वभाव में सहकारिता घुली-मिली है. इसलिए भारत में सहकारिता आंदोलन कभी अप्रासंगिक नहीं हो सकता.आज देश में लगभग 91% गांव ऐसे हैं जहां छोटी-बड़ी कोई न कोई सहकारी संस्था काम करती है. दुनिया में कोई ऐसा देश नहीं होगा जिसके 91% गांव में सहकारिता उपस्थित हो.
हर वंचित तक विकास पहुंचाने की चुनौती
अमित शाह ने आगे कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में हर वंचित तक विकास को पहुंचाने की चुनौती को पार करने की जिम्मेदारी सहकारिता मंत्रालय की है.कृषि क्षेत्र में पिछले सात वर्ष में मोदी जी आमूलचूल परिवर्तन लाए हैं.2009-10 में कृषि बजट 12,000 करोड़ रुपये था.020-21 में कृषि बजट को बढ़ाकर 1,34,499 करोड़ रुपये मोदी सरकार में किया गया.
जमीनी स्तर तक पहुंचाने का काम इस मंत्रालय के तहत होगा
सहकारिता सम्मेलन में अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार का सहकारिता मंत्रालय सभी राज्यों के साथ सहकार करके चलेगा, ये किसी राज्य से संघर्ष के लिए नहीं बना है. सरकारी समितियों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने का काम इस मंत्रालय के तहत होगा.
अमृत महोत्सव में नई सहकारी नीति को बनाने की हम शुरुआत करेंगे
अमित शाह ने आगे बताया कि हमने तय किया है कि कुछ समय के अंदर नई सहकारी नीति जो पहले 2002 में अटल जी लेकर आए थें और अब 2022 में मोदी जी लेकर आएंगे. आजादी के अमृत महोत्सव में नई सहकारी नीति को बनाने की हम शुरुआत करेंगे.
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